Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 12 Jan, 2021 09:19 AM
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि बीते चार सालों में योगी सरकार के कुपोषण की रोकथाम संबंधी दावे कागजी साबित हुये हैं। लल्लू ने जारी बयान में योगी सरकार पर आरोप लगाया कि
लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि बीते चार सालों में योगी सरकार के कुपोषण की रोकथाम संबंधी दावे कागजी साबित हुये हैं। लल्लू ने जारी बयान में योगी सरकार पर आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में महज एक वर्ष शेष है। बीते चार सालों में कुपोषण की रोकथाम के लिए सरकारी कार्यक्रम और दावे महज कागजी साबित हुए हैं। नवजात शिशुओं को मिलने वाले पोषण के आंकड़े महज अफसरों की बाजीगरी है। सुधार के नाम पर तीन महीने से पुराने आंकड़े ही किए जा रहे हैं ऊपर नीचे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के अधिकारियों एवं मंत्रियों के भ्रष्टाचार के चलते सार्वजनिक वितरण प्रणाली बेलगाम हो चुकी है और आईसीडीएस और आंगनबाड़ी जैसी योजनाएं सरकारी उदासीनता के चलते पंगु हो चुकी हैं। यूनिसेफ की एक रिपोटर् के मुताबिक पिछले दिनों मात्र 16 प्रतिशत बजट इस पर खर्च हो पाया है जिसके चलते प्रदेश में बच्चों और गर्भवती महिलाओं में कुपोषण कीं सख्या में इजाफा हुआ है। प्रदेश में जितने भी कुपोषण मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाये जा रहे हैं वह सिफर् कागजी हैं।
लल्लू ने दावा किया कि प्रदेश के कई जिले कुपोषण के चलते रेड जोन में आ चुके हैं। लेकिन सरकार और उसके मंत्री कागजी खेल में जुटे हुए हैं। कुशीनगर, बुलन्दशहर, बराइच, बागपत, जौनपुर, सुल्तानपुर, पीलीभीत, मिर्जापुर, कौशाम्बी, प्रयागराज, गोरखपुर, बस्ती, बाराबंकी जैसे दर्जनों जिले आज कुपोषण की जकड़ में हैं। इसीलिए उत्तर प्रदेश कुपोषण के मामले में बिहार के बाद देश में दूसरे नम्बर पर खड़ा है।