Edited By Ramkesh,Updated: 09 Mar, 2021 07:54 PM
राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने मंगलवार को भट्टा पारसौल में किसान महापंचायत को संबोधित करते हुये आरोप लगाया कि 104 दिन से चल रहे किसान आंदोलन को तोडऩे के लिए सरकार सारे हथकंडे अपना रही है। चौधरी ने कहा कि सरकार किसानों की एकता के...
नोएडा: राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने मंगलवार को भट्टा पारसौल में किसान महापंचायत को संबोधित करते हुये आरोप लगाया कि 104 दिन से चल रहे किसान आंदोलन को तोडऩे के लिए सरकार सारे हथकंडे अपना रही है। चौधरी ने कहा कि सरकार किसानों की एकता के सामने बेबस हैं। पंचायत में आ रही भीड़ इस बात का संदेश है कि किसानों में इन तीनों कानून को लेकर कितना रोष हैं। अगर ये कानून लागू हो गए तो किसानों को बर्बाद होने से कोई नहीं बचा पायेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए जयंत चौधरी ने कहा वे कहते हैं कि हमने किसानों के खाते में सीधे 2000 रूपये भेजे हैं। पर ये नहीं बताते कि महंगाई कहां पहुंच गई है, डीजल, डीएपी, रसोई गैस के दाम आसमान छू रहे हैं। यूरिया के एक बोरे में पांच किलो वजन कम कर दिया गया, एमएसपी नहीं मिल रही है। उन्होने सवाल किया कि क्या किसी का गेहूं, बाजरा, धान एमएसपी पर बिक रहा है। सरकार फर्जी बातें फैलाने में लगी हुई हैं।
सरकार किसानों को बांट रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है इस कानून से छोटे किसानों को फायदा होगा। पर वह पूछते हैं कि बिहार में 2006 में मंडी व्यवस्था को खत्म किया गया था वहाँ आज क्या स्थिती हैं। क्या आज बिहार का छोटा किसान खुशहाल है। हम सब देखते हैं कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में, पंजाब में, हरियाणा में बिहार के बहुत सारे लोग मजदूरी करने के लिए आते हैं। अगर मंडी व्यवस्था खत्म होने से बिहार के किसानों में खुशहाली आती तो ये लोग इन क्षेत्रों में आकर मजदूरी करने के लिए मजबूर न होते। ये सरकार बिहार की व्यवस्था को पूरे देश में लागू करना चाहते हैं। चौधरी ने कहा कि वह निजी क्षेत्र की भागीदारी का विरोधी नहीं है। वह चाहते हैं कि निजी क्षेत्र के लोग भी किसान से उसकी फसल खऱीदे पर जिस तरीके से ये कानून बनाए गए इन कानूनों में किसान का कोई फायदा नहीं दिखता है।