Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Oct, 2017 04:41 PM
प्रदेश की योगी सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति गंभीर रूख अपनाया है। सरकार ने सरकारी अस्पतालों में ...
लखनऊः प्रदेश की योगी सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति गंभीर रूख अपनाया है। सरकार ने सरकारी अस्पतालों में तैनात चिकित्सकों की प्राइवेट प्रैक्टिस करने पर रोक लगाने का शासनादेश जारी किया है।
प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी ने शासनादेश को जारी करते हुए कहा है कि अगर कोई सरकारी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हुए पाया जाता है तो उसका पंजीकरण निरस्त किया जाएगा। सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को भेजे गए आदेश में सरकार के निर्देशों के बावजूद प्रादेशिक चिकित्सा सेवा संवर्ग के डॉक्टरों द्वारा निजी प्रैक्टिस की शिकायतें लगातार मिल रही हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि पीएमएस डॉक्टरों द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस करते पकड़े जाने पर संबंधित नर्सिंग होम के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी और उसके लाइसेंस को भी निरस्त कर किया जाएगा। यही नहीं ऐसे डॉक्टरों से प्रैक्टिस बंदी भत्ता की वसूली भी की जाएगी।
इस मामले में डॉक्टर की इनकम टैक्स विभाग से भी जांच कराई जाएगी। इसके अलावा सरकारी डॉक्टरों द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस न करने के लिए सरकार ने होर्डिंग और बैनर्स के माध्यम से प्रचार करने का भी फैसला किया है। प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले सरकारी डॉक्टरों का लाइसेंस रद्द करने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को दिया जाएगा, जिससे उसका लाइसेंस रद्द हो सके।