Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Feb, 2018 04:02 PM
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर संसदीय सीट पर उपचुनाव की घोषणा की आहट मिलते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री तथा फूलपुर सीट से सांसद रहे केशव मौर्य के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद दोनों...
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर संसदीय सीट पर उपचुनाव की घोषणा की आहट मिलते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री तथा फूलपुर सीट से सांसद रहे केशव मौर्य के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद दोनों ने सांसद के पद को त्यागपत्र दे दिया था। दोनों सीटों पर मार्च 2018 तक चुनाव होना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले दिनों इस क्षेत्र के विकास के लिए लगभग 800 करोड रूपए की लागत की कई योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण कर चुके हैं। वह गुरुवार को जिले के सहजनवा में कई नई योजनाओं का शिलान्यास करने के बाद जनसभा को भी सम्बोधित करेंगे। इसके बाद 9 फरवरी को यहां से लखनऊ के लिए रवाना होंगे। 10 फरवरी को दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में हर्षवर्धन फाउन्डेशन द्वारा आयोजित गोरखपुर साहित्य समागम का उद्घाटन करेंगे।
योगी द्वारा विकास कार्यों को गति देने के प्रयास को उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। दूसरी ओर विपक्षी दल भी तैयारी में पीछे नहीं है। उनका प्रयास है कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के प्रत्याशी के समक्ष संयुक्त विपक्ष का प्रत्याशी उतारा जाए। विपक्ष इसके प्रयास में जुट गया है।
निषाद पार्टी के अध्यक्ष ने पिछले दिनों लखनऊ में समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव से भेंटकर इस मामले में बातचीत की थी। विपक्ष का प्रयास है कि मुख्यमंत्री को उनके गढ़ में ही घेरा जाए। राजस्थान में हुए उपचुनाव के नतीजों के बाद विपक्ष का मनोबल बढ़ा हुआ है। उनका प्रयास है कि उत्तर प्रदेश की दोनों संसदीय सीटोंं पर संयुक्त प्रत्याशी उतारा जाए।