रमजान के आखिरी शुक्रवार को अलविदा की प्रदेश भर में जुमें की नमाज

Edited By Ruby,Updated: 15 Jun, 2018 07:36 PM

goodbye on the last friday of ramadan

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित पूरे राज्य में रमजान माह के आखरी शुक्रवार को अलविदा जुमे की नमाज अदा करने के लिए मस्जिदों में नमाजियों का हुजूम उमड़ पड़ा। बुजुर्ग, जवान और बच्चे हर किसी ने अलविदा की नमाज अदा की।   पिछले दिनों के मुकाबले कुछ ठंडे...

लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित पूरे राज्य में रमजान माह के आखरी शुक्रवार को अलविदा जुमे की नमाज अदा करने के लिए मस्जिदों में नमाजियों का हुजूम उमड़ पड़ा। बुजुर्ग, जवान और बच्चे हर किसी ने अलविदा की नमाज अदा की।   पिछले दिनों के मुकाबले कुछ ठंडे मौसम के बीच अल्लाह के शुक्र अदा करने के लिए उसके सामने अपना सर सजदे में झुकाकर नमाजियों ने देश की तरक्की के लिए अपने हाथ बुलंद कर दुआएं मांगीं। साथ ही एक-दूसरे को गले लगाकर रमजान के अलविदा जुमे की मुबारकबाद दी।  

प्रशासन की चुस्त दुरूस्त व्यवस्था के बीच शहर की सबसे बड़ी अलविदा की नमाज टीले वाली मस्जिद और बड़े इमामबाड़े की आसिफी मस्जिद में अदा कराई गई। जुमे की नमाज में अपनी जगह बनाने के लिए समय से पहले ही मस्जिदों में नमाजियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। टीले वाली मस्जिद के इमाम मौलाना शाह फजले मन्नान वायजी नदवी ने अलविदा जुमे की नमाज अदा कराई। नमाज से पहले खुतबे में मौलाना ने ईद का चांद होते ही गरीबों को उनका हक सदका-ए-फित्र पहुंचाने की लोगों से अपील की। 

उन्होंने कहा कि जिस तरह रमजान में रोजा रखकर एक-दूसरे की भूख-प्यास का एहसास रहता है, उसी तरह ईद की खुशियों से कोई महरूम न रहे, इसका भी हमको ख्याल रखना है। सदका-ए-फित्र निकालने के साथ ज्यादा से ज्यादा खैरात करें ताकि गरीब भी ईद का त्यौहार मना सके। शियों की अलविदा की नमाज इमाम-ए-जुमा मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने अदा कराई। मौलाना के अल्लाह हो अकबर कहते ही जमात में पीछे खड़े हजारों की संख्या में नमाजी एक साथ खड़े हो गए। नमाज से पहले मौलाना ने अपने खुतबे में इस पाक महीने का महत्व बताया। 

मौलाना ने कहा कि रमजान का महीना इंसान के लिए एक ट्रेनिंग है, ताकि इंसान तीस दिन रोजा रखकर खुद को गुनाहों से दूर कर सके। इस एक महीने में जैसे वह रहता है ठीक उसी तरह साल के बाकी ग्यारह महीने इन नेकियों पर अमल करे और लोगों के काम आए। इन नेकियों को रमजान बाद भी इंसान अपनी जिंदगी में शामिल रखे, यही इस महीने का असली मकसद है। 

मौलाना ने कहा कि ईद में अपनी खुशी के साथ गरीबों की खुशी का भी ख्याल रखना चाहिए। आसिफी इमामबाड़े में मस्जिद के अलावा नमाजियों की कतार नीचे बगीचे तक थी।  गोण्ड संवाददाता के अनुसार जिले में मुसल्मानों ने रमजान माह के आखरी शुक्रवार को अलविदा की नमाज अदाकर मुल्क में अमन और शांति के लिए दुआ मांगी। नगर के गौसिया , डिप्टी साहब , चौक , मनिहारन , तकिया , मीनाइया और अंजुमन मस्जिदो में शिया और सुन्नी समुदाए के लोगों ने नमाज अदा की।  जौनपुर से प्राप्त समाचार के अनुसार जिले में अलविदा जुमे की नमाज पूरी अकीदत के साथ पढ़ी गई। चिलचिलाती धूप, उमसभरी गर्मी की परवाह किए बिना रोजेदारों ने नमाज अदा की। नमाज के बाद मुल्क की खुशहाली व शांति के लिए दुआ की गई । 

मौलाना फारूख ने अटाला मस्जिद में नमाज पढ़ाई। नवाब साहब के अहाता स्थित मदीना मस्जिद में मौलाना मोहीउद्दीन हेसाम जाफरी, लाल मस्जिद में मौलाना कयामुद्दीन, खानकाह रशीदिया में मौलाना मेराज ने , शेर मस्जिद में कारी इश्तेयाक अहमद जिया ने नमाज अदा कराई।  फैजाबाद से प्राप्त खबर के अनुसार जिले में शुक्रवार की नमाज शांतिपूर्ण माहौल में संपन्ना हो गई । शिया समुदाय की नमाज जामा मस्जिद में मौलाना सैयद जाफर रजा ने और सुन्नी समुदाय की नमाज टाटशाह मस्जिद में मौलाना शमशुल कमर कादरी ने अदा करायी। इस मौके पर हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के बच्चो से लेकर बुजुर्ग नमाज में शामिल थे। प्रदेश के अन्य जिलों से भी शांतिपूर्वक अलविदा नमाज अदा किए जाने की खबर मिली है। 


 

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