गाजीपुर: तीन दशकों में किसी सांसद को लगातार नहीं नसीब हुई दूसरी जीत

Edited By Anil Kapoor,Updated: 08 May, 2019 04:07 PM

ghajipur in three decades no mp has failed to win second win

पूर्वांचल की महत्वपूर्ण लोकसभा सीट गाजीपुर पर पिछले 3 दशक के चुनाव में कोई भी सांसद लगातार दूसरी बार जीत नहीं पाया और अब केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा के सामने इस परिपाटी को तोड़ने की बड़ी चुनौती है। इस सीट पर आखिरी बार कांग्रेस नेता जैनुल बशर लगातार दो...

गाजीपुर: पूर्वांचल की महत्वपूर्ण लोकसभा सीट गाजीपुर पर पिछले 3 दशक के चुनाव में कोई भी सांसद लगातार दूसरी बार जीत नहीं पाया और अब केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा के सामने इस परिपाटी को तोड़ने की बड़ी चुनौती है। इस सीट पर आखिरी बार कांग्रेस नेता जैनुल बशर लगातार दो बार 1980 और 1984 के चुनाव में जीते। फिर 1989 के चुनाव के बाद से कोई भी उम्मीदवार किसी ना किसी कारण के चलते अपनी जीत का सिलसिला कायम नहीं रख पाया।

इन तीन दशकों में गाजीपुर के वर्तमान सांसदों की दूसरी बार हार हो गई या फिर उन्हें टिकट ही नहीं मिला। रेल राज्य मंत्री एवं इस सीट से मौजूदा सांसद सिन्हा पहली बार 1996 में भाजपा के टिकट पर संसद पहुंचे, लेकिन 1998 में हुए अगले चुनाव में वह हार गए। 1999 में वह गाजीपुर से फिर चुनाव जीते लेकिन 2004 में उन्हें फिर पराजय मिली। पिछली बार वह इस सीट से तीसरी बार सांसद बने और एक बार फिर चुनावी मैदान में है। अब देखना होगा कि क्या पिछले 3 दशक से चली आ रही चुनावी परिपाटी को वह तोड़ पाते हैं या नहीं?

स्थानीय पत्रकार आलोक त्रिपाठी का कहना है कि 1989 के बाद से कोई भी वर्तमान सांसद लगातार दूसरी बार नहीं जीत पाया। मनोज सिन्हा अपने विकास कार्यों के दम पर जीत का विश्वास जता रहे हैं, लेकिन गठबंधन की चुनौती को हल्के में नहीं लिया जा सकता। गाजीपुर की राजनीति पर पैनी नजर रखने वाले सामाजिक कार्यकर्ता एसके राय कहते हैं कि गत 30 वर्षों में जो लोग यहां से सांसद निर्वाचित हुए, उनमें ज्यादातर को अगले चुनाव में जनता की नाराजगी का सामना करना पड़ा। कुछ की सीट बदल गई और कुछ की अपनी पार्टी से नहीं बनी। आगे यह परिपाटी कब टूटेगी, कहा नहीं जा सकता।

इस सीट पर सपा-बसपा गठबंधन उम्मीदवार के तौर पर सिन्हा को चुनौती दे रहे अफजाल अंसारी भी 2004 में सपा से चुनाव जीते लेकिन अगली बार 2009 से बसपा के टिकट पर खड़े हुए तो उन्हें सपा के राधेमोहन सिंह ने हरा दिया। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में राधेमोहन सिंह को सपा का टिकट नहीं मिला और इस तरह उनकी जीत का सिलसिला भी बरकरार नहीं रह पाया। गाजीपुर से 1989 में जगदीश कुशवाहा निर्दलीय चुनाव जीते और 1991 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विश्वनाथ शास्त्री जीते, लेकिन ये दोनों दूसरी बार संसद नहीं पहुंच पाए।

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