Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 20 Jul, 2018 11:54 AM
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में पुलिस का अमानवीय चेहरा सामना आया है। जहां एक गैंगरेप पीड़िता को थाने में थाना इंचार्ज व पुलिस कर्मियों ने पट्टों से पीटा। जिसके चलते पीड़िता के शरीर पर पट्टों की मार के निशान पड़ गए। इस घट...
बांदाः उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में पुलिस का अमानवीय चेहरा सामना आया है। जहां एक गैंगरेप पीड़िता को थाने में थाना इंचार्ज व पुलिस कर्मियों ने पट्टों से पीटा। जिसके चलते पीड़िता के शरीर पर पट्टों की मार के निशान पड़ गए। इस घटना से आहत होकर वह एसपी ऑफिस न्याय की गुहार लगाने पहुंची।
उल्लेखनीय है कि थाने के दिवान व होमगार्ड सहित 6 लोगों पर कोर्ट के आदेश के बाद रेप का मुकदमा दर्ज है। पुलिस पीड़िता को इंसाफ दिलाने के बजाए बल पूर्वक मुकदमे से दिवान व होमगार्ड का नाम हटाए जाने का दबाव बना रही है, लेकिन पीड़िता ने इससे इनकार कर दिया।
बता दें कि पिछले साल 2 दिसंबर 2017 को महिला के साथ गैंगरेप हुआ था। पुरे मामले में जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो महिला ने कोर्ट का सहारा लिया। जिसके चलते कोर्ट ने थाने के दिवान हरिहर नाथ शुक्ला व होम गार्ड राधेश्याम सहित 4 अन्य लोगों पर रेप का मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। वहीं जब पीड़िता मुकदमे की कॉपी लेने थाने पहुंची तो कमासिन थाना इंचार्ज प्रतिमा सिंह पीड़िता से दिवान व होमगार्ड का नाम हटाने का दबाव बनाने लगी। पीड़िता ने इस बात से इनकार किया तो प्रतिमा सिंह व अन्य पुलिसकर्मियों ने उसे पट्टों से पीटा।
पीड़िता के शरीर के जख्मों के निशान पुलिस की क्रूरता की गवाही दे रहे हैं। पहले तो पीड़िता 7 महिने तक एफआईआर के लिए चक्कर काटती रही जब कोर्ट के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज हुई तो पुलिस ही पीड़िता की भक्षक बन गई। पीड़िता ने आज पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है।