गंगा भारतीय संस्कृति एवं विकास का आधार,मोदी ने किये स्वच्छता के भागिरथ प्रयास: कोविंद

Edited By Ramkesh,Updated: 15 Mar, 2021 03:21 PM

ganga is the foundation of indian culture and development kovind

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गंगा को भारतवासियों की पहचान, भारतीय संस्कृति एवं विकास का प्रमुख आधार बताते हुए उसकी निर्मलता के लिए वाराणसी सांसद नरेंद्र मोदी को नमामि गंगे मिशन'' के माध्यम से च्भागिरथ प्रयास'' करने वाला पहला प्रधानमंत्री बताया ।...

वाराणसी: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गंगा को भारतवासियों की पहचान, भारतीय संस्कृति एवं विकास का प्रमुख आधार बताते हुए उसकी निर्मलता के लिए वाराणसी सांसद नरेंद्र मोदी को नमामि गंगे मिशन' के माध्यम से च्भागिरथ प्रयास' करने वाला पहला प्रधानमंत्री बताया ।  कोविंद ने देशवासियों से इसे सामाजिक तथा व्यक्तिगत स्तर पर व्यापक रूप से अपनाने एवं आत्मसात करने के लक्ष्य के साथ निरंतर गहन मंथन, मनन एवं जागरूकता फैलाने की अपील की।  उन्होंने उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल के अपने तीन दिवसीय दौरे के आखिरी दिन एक मीडिया समूह की ओर से यहां के ताज होटल में आयोजित च्गंगा, वातावरण और भारत की संस्कृति' विषयक समारोह का उद्घाटन करने हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के प्रयासों की सराहना की। साथ ही, तरह-तरह के सफाई एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं लाखों लाखों प्रयासों को और बेहतर भविष्य का संकेत बताया।  इस अवसर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की पत्नी सविता कोविंद, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल समेत वाराणसी एवं प्रयागराज के अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।

समारोह को संबोधित करते हुए श्री कोविंद ने कहा, च्च्मेरा मानना है कि गंगा और हमारी संस्कृति एक-दूसरे पर आधारित है। इन्हें एक-दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता। एक-दूसरे के पूरक हैं या यूं हम कहें कि एक-दूसरे का अस्तित्व एक-दसूरे पर निर्भर है। इसी मां गंगा का शुद्ध होना हमारी पर्यावरण की स्वच्छता का एक महत्वपूर्ण मानदंड भी हैं। कोविंद ने समारोह की महत्ता बताते हुए कहा,  गंगा, पर्यावरण और संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन, हमारे विकास का आधार है। ऐसे सामाजिक सरोकार से संबंधित विषय पर चर्चा का आयोजन बहुत ही प्रासंगिक है। सार्थक है और उपयोगी है। इस विषय पर गहन, मंथन निरंतर होते रहना चाहिए। यदि हम गंगा की निरंतरता को देखेंगे तो उसकी निर्मलता अविरलता बनाये रखने के लिए भी हम चिंतन-मनन होते रहना चाहिए।

राष्ट्रपति ने मैं समझता हूं कि ऐसे मंथन से निकले अमृत से जन-जन के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा गंगा की निर्मलता के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा, 2015 में नमामि गंगे मिशन' की शुरुआत हुई। मुझे संतोष है कि सरकार द्वारा शुरु किये गये मिशन के अच्छे परिणाम दिखाई देने लगे हैं, लेकिन हमने अभी लक्ष्य हासिल नहीं किया है। राष्ट्रपति ने कहा कि वाराणसी के सांसद श्री मोदी ले गंगा की स्वच्छता एवं काशी के वैभव को बढ़ाने का बिड़ा उठया तथा भागिरथ प्रयास भी किये। उन्होंने असि घाट की सफाई के लिए स्वयं फावड़ा चलाकर यहां के घाटों की स्वच्छता अभियान की शुरुआत की थी। ऐसा हमने विश्व में कोई प्रधानमंत्री नहीं देखा होगा और न इस देश ने कोई प्रधानमंत्री देखा। उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी दी गई है कि वाराणसी के घाट अब तुलनात्मक रूप से साफ-सुथरे हैं। इससे पर्यावरण को संरक्षण के साथ ही पर्यटों के लिए वाराणसी की यात्रा और अधिक आनंददायक हो गई है। 

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