Edited By Ruby,Updated: 14 Aug, 2018 06:23 PM
तीर्थराज प्रयाग में गंगा और यमुना के जलस्तर में पिछले दो दिनों से लगातार बढ़ोत्तरी का सिलसिला बना हुआ है। पिछले 24 घंटे में यमुना के जलस्तर में 22 सेंटीमीटर जबकि गंगा के जलस्तर में 16 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर...
इलाहाबादः तीर्थराज प्रयाग में गंगा और यमुना के जलस्तर में पिछले दो दिनों से लगातार बढ़ोत्तरी का सिलसिला बना हुआ है। पिछले 24 घंटे में यमुना के जलस्तर में 22 सेंटीमीटर जबकि गंगा के जलस्तर में 16 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण जहां एक बार फिर गंगा का जलस्तर बढऩे लगा है वहीं मध्य प्रदेश की केन और बेतवा नदी का जलस्तर बढ़ऩे से चंबल का पानी यमुना में बढ़ने लगा है। पिछले 24 घंटे के दौरान गंगा और यमुना दोनों के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है।
तराई क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों में एक बार फिर बाढ़ की विभीषिका से डरने लगे हैं। गंगा बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार नरौरा बांध से एक लाख 22 हजार 173 क्यूसिक और कानपुर से तीन लाख 15 हजार 702 क्यूसिक बांध का पानी गंगा में छोड़ा गया है जिससे जलस्तर में अभी और वृद्धि का अनुमान है। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान गंंगा के जलस्तर में 16 सेंटीमीटर और यमुना में 22 सेंटीमीटर बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
हालांकि 12 बजे तक केवल यमुना के जलस्तर में मामूली वृद्धी दर्ज की गई है जबकि गंगा फाफामऊ और छतनाग में अभी स्थिर बनी हुई हैं। मंगलवार को सुबह आठ बजे फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 79.23, छतनाग में 75.15 और नैनी (यमुना) में 76.67 मीटर दर्ज किया गया है जबकि सोमवार की सुबह आठ बजे फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 79.180, छतनाग में 75.990 और नैनी (यमुना) में 73.450 मीटर दर्ज किया गया था। प्रशासन ने बाढ़ के लिए बनाई 99 चौकियों पर तैनात कर्मियों को सचेत रहने का निर्देश दिया है। किसी भी आपदा से निपटने के लिए आरएएफ, पुलिस के जवान, गोताखोर, सैनिक तैयार हैं।