Edited By Anil Kapoor,Updated: 16 Aug, 2018 05:41 PM
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ऐसे नेता थे जिनकी तारीफ पक्ष ही नहीं उनके राजनीतिक विरोधी भी करते थे। कविताओं का शौक रखने वाले वाजपेयी खाने-पीने के भी शौकीन थे। अटल को ग्वालियर के बहादुरा के बूंदी के लड्डू और दौलतगंज की मंगौड़ी बहुत...
यूपी डेस्क: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ऐसे नेता थे जिनकी तारीफ पक्ष ही नहीं उनके राजनीतिक विरोधी भी करते थे। कविताओं का शौक रखने वाले वाजपेयी खाने-पीने के भी शौकीन थे। अटल को ग्वालियर के बहादुरा के बूंदी के लड्डू और दौलतगंज की मंगौड़ी बहुत पसंद थी। लजीज खाने से उनका हमेशा खासा लगाव रहता था। वाजपेयी के पिता एक शिक्षक थे, लेकिन उन्होंने राजनीति में अपना करियर बनाया। राजनीति में वह देश से लेकर विदेशों तक के दौरों पर रहे लेकिन कभी ग्वालियर के पकवानों का स्वाद नहीं भूले थे। उन्हें जब भी समय मिलता था वह यहां आकर अपनी पसंदीदा चीजों का स्वाद चखते रहते थे।
वाजपेयी को शाकाहारी की जगह मांसाहारी खाना बहुत ज्यादा पसंद था। मांसाहारी खाने में उन्हें झींगा मछली ज्यादा पसंद थी। अक्सर वे प्रॉन की डिश खाते थे। मदिरापान को लेकर भी कभी उन्होंने कुछ छिपाया नहीं। अटल जी भांग का सेवन भी करते थे। उनके लिए उज्जैन से स्पेशल भांग आती थी।
अटल बिहारी वाजपेयी का ठंडई से खासा लगाव था। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का कहना था कि जब वो नेता प्रतिपक्ष थे तो एक बार वह इंदौर से उज्जैन कार से आए। उसके बाद वह उन्हें लेकर गोपाल मंदिर गए। अटल जी ने कहा कि मंदिर तांगे से चलेंगे कार से नहीं। फिर अटल जी ने कहा कि 3 गिलास भांग का घोंटा ले आओ। उन्होंने कहा कि 2 गिलास मैं पियूंगा और एक गिलास तुम पीना।