बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने जमानत की रद्द

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 21 Oct, 2020 10:43 AM

former bahubali mp atiq ahmad has increased

गुजरात के अहमदाबाद जेल में बंद बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। बाहुबली की अपराध से अर्जित करोड़ों की सम्पत्तियों की कुर्की की कार्रवाई और पुश्तैनी मकान सहित कई अवैध इमारतों के ध्वस्तीकरण के बाद अब एमपीएमएलए...

प्रयागराजः गुजरात के अहमदाबाद जेल में बंद बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। बाहुबली की अपराध से अर्जित करोड़ों की सम्पत्तियों की कुर्की की कार्रवाई और पुश्तैनी मकान सहित कई अवैध इमारतों के ध्वस्तीकरण के बाद अब एमपीएमएलए कोर्ट से बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद को बड़ा झटका लगा है। बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद को 4 आपराधिक मामलों में जिला जज से मिली जमानत एमपीएमएलए स्पेशल कोर्ट के जज डॉ. बाल मुकुन्द ने निरस्त कर दी है।

इससे पहले भी एमपीएमएलए कोर्ट ने एक अन्य आपराधिक मामले में जमानत निरस्त करने का फैसला सुनाया था। इस तरह से धूमनगंज के दो मामलों,खुल्दाबाद, करेली और कर्नलगंज थानों में दर्ज एक-एक आपराधिक मुकदमे में कोर्ट ने जमानत निरस्त कर दी है। गौरतलब है अभियोजन की ओर से मार्च 2017 में ही राज्य सरकार ने पांच मामलों में जमानत रद्द करने की अर्जी कोर्ट में दाखिल की थी। जिन मामलों में कोर्ट ने बाहुबली की जमानत निरस्त कर दी है। इसमें धूमनगंज थाने में दर्ज अपहरण के मुकदमे में 29 मई 2009 को सेशन जज द्वारा जमानत अर्जी मंजूर की गई थी। इसके साथ ही धूमनगंज थाने में ही 2009 में जानलेवा हमले के मामले में जिला जज द्वारा 20 जुलाई 2001 को जमानत अर्जी स्वीकार की गई थी, जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। खुल्दाबाद थाने में वर्ष 2002 में हुए चर्चित नसीम उर्फ नस्सन हत्याकांड में जिला जज से 26 जुलाई 2003 को मिली जमानत भी एमपीएमएलए स्पेशल कोर्ट ने निरस्त कर दी है।

इसके साथ ही कर्नलगंज थाने में अतीक अहमद पर खुद पर हमला कराने का साजिश रचने के आरोप में वर्ष 2002 में मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके साथ बीजेपी नेता अशरफ को धमकाने के मामले में मिली जमानत को स्पेशल कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। डीजीसी गुलाब चंद्र अग्रहरि के मुताबिक एमपीएमएलए स्पेशल कोर्ट ने जमानत की शर्तों का उल्लांघन करने और जमानत के बाद लगातार अपराध करने के आधार पर राज्य सरकार की ओर से अभियोजन द्वारा जमानत निरस्त्रीकरण की अर्जी जिला जज कोर्ट में दाखिल की गई थी। डीजीसी गुलाब चंद्र अग्रहरि के मुताबिक कोर्ट में अतीक अहमद की तरफ से कोई भी हाजिर नहीं हुआ। हांलाकि अतीक अहमद को पक्ष रखने के लिए कई बार कोर्ट की ओर से बकायदा नोटिस भी जारी किया गया था। 

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