Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 12 Sep, 2018 12:22 PM
2007 में हुए गोरखपुर के दंगों में भड़काऊ भाषण देने के मामले में सीएम योगी फिर से मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं।
लखनऊः 2007 में हुए गोरखपुर के दंगों में भड़काऊ भाषण देने के मामले में सीएम योगी फिर से मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश देते हुए कहा कि इस मामले में कानून के अनुरूप उचित आदेश पारित किया जाए। जिसके चलते सीएम योगी के खिलाफ निचली अदालत में दोबारा सुनवाई होगी।
सीएम योगी के खिलाफ दोबारा होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी निर्देश दिए कि निचली अदालत अपने फैसले में विस्तार से कारण भी लिखे। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ दायर याचिका पर अपना फैसला सुनाया।
याचिकाकर्ता ने SC से मांगा सुनवाई बंद करने का कारण
इस बारे में याचिकाकर्ता राशिद खान ने बताया कि निचली अदालत, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई बंद करने के पीछे विस्तृत कारण नहीं दे पाई। यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को इस मामले की दोबारा सुनवाई करने के आदेश दिए हैं।
2008 में हाई कोर्ट से भी याचिका हुई थी खारिज
ज्ञात हो कि गोरखपुर की सेशन कोर्ट ने यह कहते हुए इस मामले की सुनवाई बंद कर दी थी कि मुकदमा चलाने की मंजूरी सही नहीं थी। सेशन कोर्ट के फैसले को याचिकाकर्ता राशिद खान ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में चैलेंज किया। जनवरी 2008 में हाई कोर्ट से भी याचिका खारिज हो गई थी। इसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। और अब सुप्रीम कोर्ट ने सेशन कोर्ट को इस मामले की सुनवाई करने के आदेश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला
रशीद खान की याचिका में आरोप है कि 27 जनवरी 2007 को सातवीं मुहर्रम था। इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ की अपील पर दक्षिणपंथी संगठन हिन्दू वाहिनी और कारोबारी समुदाय के कार्यकर्ताओं ने इकट्ठा होकर नारेबाजी की थी। याचिका के मुताबिक इन लोगों ने उसी दिन कई संपत्तियों में आग लगा दी, धार्मिक पुस्तकों को नुकसान पहुंचाया और कई ऐसे काम किए जिनसे हालात काफी बिगड़ गए।