Prayagraj: गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ने से मंडरा रहा बाढ़ का खतरा, सुरक्षित स्थानों पर जा रहे लोग

Edited By Umakant yadav,Updated: 02 Aug, 2021 01:39 PM

flood threat looming in prayagraj due to rise in water level of ganga yamuna

उत्तर भारत और पहाड़ो में हुई जोरदार बारिश का असर संगम नगरी प्रयागराज में भी देखने को मिल रहा है। प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जलस्तर बढ़ने से दोनों नदियों के किनारे की बस्तियों में खलबली मच गई है। प्रयागराज में गंगा यमुना...

प्रयागराज: उत्तर भारत और पहाड़ो में हुई जोरदार बारिश का असर संगम नगरी प्रयागराज में भी देखने को मिल रहा है। प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जलस्तर बढ़ने से दोनों नदियों के किनारे की बस्तियों में खलबली मच गई है। प्रयागराज में गंगा यमुना के जलस्तर में 8 सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर की वृद्धि हो रही है। नैनी के अरैल इलाके में गंगा-यमुना पर बने दो पक्के घाटों की सीढ़ियां डूबने लगी हैं। दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ने से घाटों पर कटान शुरू हो गई है। संगम क्षेत्र के तीर्थ-पुरोहित भी काफी परेशान हैं। तीर्थ पुरोहित के साथ साथ संगम क्षेत्र के लोग अपनी दुकानें और चौकियां सुरक्षित स्थानों की ओर ले जाने में जुट गए।

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प्रयागराज में गंगा यमुना नदी में बीते 6 दिनों से लगातार जलस्तर में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हमेशा गुलज़ार रहने वाला संगम क्षेत्र पर अब बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बताया जा रहा है कि पहाड़ी क्षेत्रों में हुई बारिश और कानपुर, हरिद्वार, नरौरा बांध से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। लगातार बढ़ रहे जलस्तर से नदी किनारे बोई गईं फसलें डूब चुकी हैं।  तीर्थपुरोहितों का कहना है कि इस बार 20 दिन पहले से ही जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है क्योंकि हर साल 15 से 20 अगस्त के बाद से बाढ़ का खतरा देखने को मिलता था लेकिन इस साल जुलाई के आखिरी दिनों से ही नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

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तीर्थ पुरोहित भी मानते हैं कि पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश और बांध से छोड़ा गया पानी इसका मुख्य कारण है। हर रोज तीर्थ पुरोहित अपने समान को लेकर पीछे की तरफ जाने को मजबूर हैं। सावन का महीना चल रहा है ऐसे में श्रद्धालु भी बाढ़ के खतरे की वजह से संगम क्षेत्र नहीं आ रहे हैं जिससे तीर्थ पुरोहितों को भी काफी नुकसान हो रहा है।

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उधर संगम क्षेत्र आ रहे लोगों का कहना है कि बीते 5 से 6 दिनों में लगातार दोनों नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। जिसके चलते वो बिना स्नान करके या कहे कि केवल आचमन करके ही वापस लौट जा रहे हैं। हालांकि अब सबसे ज्यादा खतरा निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को हो गया है क्योंकि अब वक़्त से पहले ही उनको बाढ़ का सामना करना पड़ेगा।

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वहीं हमारे संवाददाता सैय्यद आकिब रजा ने संगम क्षेत्र का जायजा लिया और लोगों से बातचीत की। गौरतलब है कि लगातार हो रही बारिश तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में बाढ़ का पानी काफी लोगों को प्रभावित करेगा।

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