साल की पहली बैठक योगी की अध्यक्षता में हुई संपन्न, पुलिस व अग्निशमन सेवाकर्मियों को मिली सौगात

Edited By Ruby,Updated: 01 Jan, 2019 02:50 PM

first meeting of the year was done in yogi presence

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को आज साल की पहली कैबिनेट बैठक संपन्न हुई। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने 5 अहम मुद्दों पर चर्चा की है, जिसमें पुलिसकर्मियों व अगिनशमनकर्मियों को राहत देने सहित कई प्रस्तावों पर मुहर लगी है। इन...

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को आज साल की पहली कैबिनेट बैठक संपन्न हुई। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने 5 अहम मुद्दों पर चर्चा की है, जिसमें पुलिसकर्मियों व अगिनशमनकर्मियों को राहत देने सहित कई प्रस्तावों पर मुहर लगी है।

इन प्रस्तावों पर लगी मुहर
उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग व अग्निशमन सेवा के अधिकारियों व कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान घटित किसी घटना या दुर्घटना में अपंग होने पर सरकार आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगी है। बता दें कि पुलिस के अधिकारियों को विशेष जोखिम के कामों के दौरान मृत्यु या अपंग होने पर सरकार से पहले भी आर्थिक सहायता दी जाती थी, लेकिन अग्निशमन विभाग को आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रस्ताव आज पास हुआ है।

अग्निशन कर्मचारियों को कर्तव्य पालन के दौरान घटित घटनाओं के दौरान अपंग या विकलांग होने पर आर्थिक सहायता की पहले कोई नीति नहीं थी। अग्निशन विभाग के लिए सरकार द्वारा नई नीति बनाई गई है। नई नीति के तहत अग्निशमन के कर्मचारी या अधिकारी ड्यूटी के दौरान यदि किसी दुर्घटना के शिकार होते है तो 80%-100% अपंग या विकलांग होने पर 20 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी। 70% से 79% तक 15 लाख और 50% से 69%तक 10 लाख की आर्थिक सहायता सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी।

पहले पुलिस विभाग कर्मचारियों के लिए व्यवस्था थी कि मुठभेड़ या हिंसा में ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर परिवार को 40 लाख और माता पिता को 10 लाख की राशि दी जाती थी। यह नीति काफी समय से चल रही थी। वहीं विकलांग होने पर कोई राशि नहीं दी जाती थी। यह व्यवस्था नक्सली एरिया में तैनाती के दौरान केंद्र सरकार ने कर रखी थी जिसे अब यूपी सरकार ने भी लागू कर दिया है।

यूपी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार व उन्मूलन के उद्देशय से यूपी सतर्कता अधिष्ठान के 10 सेक्टर में काम करने वाली 10 जांच इकाइयों को थाना घोषित करने की तैयारी है। जिसमें लखनऊ, अयोध्या, गोरखपुर, बरेली, प्रयागराज, कानपुर, वाराणसी, झांसी, मेरठ, आगरा शामिल हैं। वर्तमान में सतर्कता जांच के लिए केस को स्थानीय पुलिस में रजिस्टर कराना पड़ता है। जांच इकाइयां थाना घोषित होने के बाद वे अपने पास केस रजिस्टर कर तेजी से कार्रवाई बढ़ा सकेंगी। 
 

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