Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Mar, 2018 07:29 PM
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। जहां 50 साल के मंशाराम को मरने के बाद अस्पताल से एंबुलेंस तक नसीब नहीं हुई। हद...
बाराबंकीः उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। जहां 50 साल के मंशाराम को मरने के बाद अस्पताल से एंबुलेंस तक नसीब नहीं हुई। हद तो तब हो गई जब मंशाराम की मौत के बाद उसका दिव्यांग बेटा आंखों में आंसू लिए शव को ठेले पर लाद कर घर ले आया। ये खबर सरकार के तमाम दावों की पोल खोलने के लिए काफी है।
जानिए पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक दिव्यांग पुत्र राजकुमार सोमवार को अपनी छोटी बहन मंजू के साथ बीमार पिता मंशाराम (50) को अस्पताल तक लाने के लिए ठेले का इस्तेमाल किया। लाचारी की व्यता यहीं समाप्त नहीं हुई। बीमार पिता की मौत के बाद पिता की लाश को भी ठेले से ही वापस भी ले जाना पड़ा।
दिव्यांग बेटा मृत पिता को ठेले पर लादकर लाया
वहीं मृत पिता की लाश घर लेकर जाने के लिए दोनों बहन भाई अस्पताल के बाहर घंटों भटकते रहे, लेकिन किसी ने भी उनकी मदद की करने की जहमत तक नहीं उठाई। वहीं काफी देर तक इंतजार करने के बाद आंखो में आंसू लिए दिव्यांग बेटा ने मृत पिता के शव को ठेले में लाद लिया और पैदल 8 किलोमीटर चल कर घर लोनी कटरा वापस आए।
चिकित्सा अधिकारी ने दी सफाई
वहीं इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रमेश चंद्र ने कहा कि मृतक मंशाराम लंबे समय से काफी बीमार था। उसके परिवार की तरफ से कोई जानकारी न देने के कारणवश एम्बुलेंस उसके घर नहीं पहुंच सकी। जानकारी होने पर एम्बुलेंस उसे लेने जरूर जाती।