नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का 'भारत बंद', UP में मिला जुला असर

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 26 Mar, 2021 04:36 PM

farmers bharat bandh in protest against new agriculture

नए कृषि कानून के विरोध में किसानों के भारत बंद का शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में मिला जुला असर रहा। मेरठ में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के सदस्यों ने दिल्ली हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग और करनाल राजमार्ग समेत 6 से अधिक स्थानों पर जाम लगाते हुए धरना...

लखनऊ: नए कृषि कानून के विरोध में किसानों के भारत बंद का शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में मिला जुला असर रहा। मेरठ में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के सदस्यों ने दिल्ली हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग और करनाल राजमार्ग समेत 6 से अधिक स्थानों पर जाम लगाते हुए धरना प्रदर्शन किया जिसके चलते विशेषकर राजमार्गों से गुजरने वाले वाहनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। साथ ही सड़क के दोनों ओर वाहनों की लम्बी-लम्बी कतारें लग गईं। भारत बंद का असर आम तौर पर शहर में नहीं दिखाई दिया और तमाम बाजार पहले की ही तरह खुले।

भाकियू मेरठ के जिला अध्यक्ष मनोज त्यागी ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों के वापस होने तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि आज मेरठ में 6 प्रमुख स्थानों परतापुर, दौराला, मवाना, जानी, जंगेठी व दबथुवा पर भाकियू के कार्यकर्ताओं ने चक्का जाम कर दिया। चक्का जाम की कमान संभालने के लिए भाकियू के पदाधिकारियों ने आज सुबह से ही शहर के बाहरी क्षेत्रों को घेर लिया था। इनमें कुछ पदाधिकारियों को गाजीपुर बाडर्र पर तैनात किया गया था जबकि अन्य पदाधिकारियों को मेरठ की कमान सौंपी थी।

इसके अलावा बुलंदशहर, बागपत, बिजनौर, शामली, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर जिलों में किसान यूनियन के पदाधिकारी मुख्य सड़कों पर बैठे हुए नजर आए। इससे सड़क यातायात आंशिक रूप से प्रभावित हुआ। पश्चिम उत्तर प्रदेश के अलावा राज्य के अन्य इलाकों में बंद आमतौर पर बेअसर साबित हुआ। गोण्डा से प्राप्त रिपोटर् के अनुसार जिले में बंद का फिलहाल कोई असर नही दिखा। किसी संगठन या राजनैतिक दल से न ही कोई प्रदर्शन किया और न ही ज्ञापन सौंपा हैं। बंद के आह्वान से अंजान व्यापारी अपने अपने व्यवसाय मे लगे नजर आ रहें हैं। खुली गल्ला मंडी व सब्जी मंडी मे सैकड़ों किसान अपने अनाज व सब्जियां खरीद फरोख्त करने मे जुटे हैं। बंद को देखते हुये हर स्थिति से निपटने के लिये पुलिस प्रशासन संवेदनशील स्थानों पर मुस्तैद हैं।

औरैया में भी भारत बंद का कहीं कोई असर नहीं दिखा। औरैया शहर से लेकर कस्बों के बाजार सुबह से खुलने लगे थे। किसी संगठन द्वारा अभी तक बंदी का कोई प्रयास भी नहीं किया गया। सोनभद्र में भी भारत बंद का कोई असर नहीं है। जिले के पूर्वांचल नव निर्माण किसान मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा जायेगा। बाराबंकी में भारत बंद का कोई असर नहीं है मंडियां खुली है सामान्य रूप से बाजार में चहल-पहल है।

चित्रकूट में भारत बंद का कोई भी असर नहीं है। मंडिया खुली हुई है और बाजार सामान्य रूप से चल रहा है। पूर्व की भांति चहल-पहल बनी हुई है। पुलिस प्रशासन पूरी तरह से चौकन्ना है। इटावा में भारत बंद का कोई असर वैसे तो नही दिख रहा है लेकिन बंद को लेकर व्यापक सतकर्ता जरूर दिखाई दे रही है। आज तक ऐसे ही इटावा के हर चौराहे पर बड़े पैमाने पर पुलिस की तैनाती दिखाई दे रही है। भारत बंद को लेकर के पुलिस ने किसान नेताओं को नजरबंद करने का भी प्लान बनाया है, जिसके तहत ही उत्तर प्रदेश किसान सभा के महासचिव मुकुट सिंह को उनके सिविल लाइन स्थित आवास पर ही नजरबंद कर लिया गया। करीब 5 घंटे की नज़रबंदी के बाद नगर मजिस्ट्रेट उमेश कुमार मिश्रा के दखल के बाद पुलिस ने अम्बेडकर चौराहे तक आने दिया जिसके बाद खुद नगर मजिस्ट्रेट उमेश कुमार मिश्रा मौके पर पहुंचे और उन्होंने किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन लिया।  

देवरिया में भारत बंद का कोई असर नहीं है। रोज की तरह खुली हैं दुकानें और गांव देहात के बाजार खुले हैं। किसान संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद का कोई असर यहां दिखता नजर नहीं आ रहा है। यहां किसान संगठनों के भारत बंद के आह्वान को देखते हुए यहां पुलिस द्वारा अतिरिक्त सर्तकता भी नहीं देखने को मिल रही है। अभी तक किसी किसान संगठन और राजनैतिक दलों ने ही कोई प्रदर्शन किया और न ही ज्ञापन सौंपा हैं। लोग बाग बाजारों में अपने जरूरत के सामान खरीदते देखें जा रहे हैं। 

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