Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 26 Jul, 2021 07:03 PM
जमीन जायदाद को लेकर लोग खून-खराबे तक पर उतर जाते हैं। बात मंदिर और मस्जिद की हो तो ये विवाद और भी बढ़ जाता है। मगर उत्तर प्रदेश अलीगढ़ का ताजा
अलीगढ़ः जमीन जायदाद को लेकर लोग खून-खराबे तक पर उतर जाते हैं। बात मंदिर और मस्जिद की हो तो ये विवाद और भी बढ़ जाता है। मगर उत्तर प्रदेश अलीगढ़ का ताजा मामला इसके ठीक उलट है। जहां कस्बा अकराबाद के नानऊ गांव के लोगों ने बिना कानूनी पचड़े के अलीगढ़-कानपुर नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण में बाधा बन रही 100 साल पुरानी ईदगाह को हटाने के लिए सहमित बना ली है।
बता दें कि नेशनल हाईवे-91 के अंतर्गत अलीगढ़-कानपुर सेक्शन का चौड़ीकरण किया जा रहा है। इस हाईवे को फोरलेन व सिक्सलेन करने के लिए कार्रवाई जारी है। जनपद में गांव बौनेर से गोपी तक करीब 15 गांवों की 53 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है। इसके एवज में अब तक करीब डेढ़ अरब का मुआवजा वितरित किया जा चुका है। हाईवे के चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित हो रही जमीन में अकराबाद के ग्राम नानऊ करीब 100 साल पुरानी ईदगाह भी जद में आई। सहमति से बनी इस फैसले के बाद अब ईदगाह गांव में ही ग्रामसभा की जमीन पर बनाई जाएगी।