Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 21 Jun, 2020 10:47 AM
कोरोना काल में अर्थव्यवस्था को भारी चोट पहुंची है। इसका असर सीधे तोर पर लोगों की गृहस्थी पर पड़ा है। ताजा मामला कानपुर का है। जहां नौकरी जाने से घर में कलह और सदस्यों में मानसिक तनाव के चलते एक हंसता-खेलता परिवार उजड़ गया...
कानपुरः कोरोना काल में अर्थव्यवस्था को भारी चोट पहुंची है। इसका असर सीधे तोर पर लोगों की गृहस्थी पर पड़ा है। ताजा मामला कानपुर का है। जहां नौकरी जाने से घर में कलह और सदस्यों में मानसिक तनाव के चलते एक हंसता-खेलता परिवार उजड़ गया।
दरअसल, बर्रा इलाके में रहने वाले सिक्योरिटी गार्ड राजेन्द्र वर्मा पिछले 4 साल से न्यू आजाद नगर के राजीव नगर में अरुण तिवारी के मकान में किराए पर रह रहे हैं। पिता राजेन्द्र वर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के बाद 35 वर्षीय बेटे प्रिंस की उसकी नौकरी छूट गई थी, जिसके बाद से खर्चों को लेकर उसका पत्नी चंद्रिका के बीच आए दिन विवाद होता रहता था। शनिवार दोपहर दोनों में फिर झगड़ा हुआ, जिसके बाद प्रिंस ने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर पंखे से लटककर फांसी लगा ली।
वहीं पति को फंदे पर लटका देख चंद्रिका ने मौसी कमला के बेटे सतेंद्र व अनिल को फोन करके घटना की जानकारी देते हुए खुद फांसी लगाने की बात कही। इसके बाद चंद्रिका ने बेटे शौर्य को कमरे के बाहर फर्श पर बैठाया और दूसरे कमरे में पंखे के कुंडे से फांसी लगा ली। सूचना पर पहुंचे पिता ने रिश्तेदारों की मदद से दरवाजे का कुंडा तोड़ा। दोनों को फंदे से उतारकर 108 एंबुलेंस की मदद से अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
इस बारे में थाना प्रभारी पुष्पराज सिंह ने बताया कि पारिवारिक कलह की बात सामने आई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।