Edited By Ajay kumar,Updated: 22 Nov, 2019 10:59 AM
जेएनयू में बढ़ी फीस के खिलाफ़ आंदोलित छात्रों पर पुलिस ने अंधाधुंध लाठीचार्ज किया जिसमें कई छात्र गंभीर शप से घायल हो गए। घायल छात्रों में एक छात्र संतकबीर नगर का भी है।
संतकबीर नगर: जेएनयू में बढ़ी फीस के खिलाफ़ आंदोलित छात्रों पर पुलिस ने अंधाधुंध लाठीचार्ज किया जिसमें कई छात्र गंभीर शप से घायल हो गए। घायल छात्रों में एक छात्र संतकबीर नगर का भी है। घायल दिव्यांग छात्र जो इस समय एम्स के आईसीयू वार्ड में भर्ती है। उसकी खबर को सुनकर जहां उसके परिजन सदमे में हैं वहीं उसका पूरा गांव उसकी सलामती की दुआ मांग रहा है।
दिल्ली पुलिस की लाठीचार्ज से घायल हुआ दिव्यांग छात्र शशिभूषण पाण्डेय (समद) संतकबीरनगर जिले के दुधारा थाना क्षेत्र के रजापुर सरैया गाँव का रहने वाला है जिसका फि़लहाल दिल्ली के एम्स में इलाज चल रहा है। बताते चलें कि पिछले दिनों जेएनयू में बढ़ी फीस को लेकर छात्र फीस बढोत्तरी को नाजायज बताते हुए आंदोलित थे। जिन्हें रोकने के लिए जब पुलिस ने लाठियां भांजी तब अन्य छात्रों के साथ दिव्यांग शशिभूषण पाण्डेय भी इसका शिकार हो गया जिसे गम्भीर हालत में एम्स में भर्ती कराया गया। इसकी खबर सोशल मीडिया के जरिये पाते ही परिजन सदमे के शिकार हो गए, गाँव वालों ने जब ये खबर सुनी तब वे भी परिवार के दुख में सम्मिलित होकर शशिभूषण के लिए ऊपर वाले से सलामती की दुआ मांगने लगे।
आपको बता दें कि जन्मांध शशिभूषण पाण्डेय बीजेपी किसान मोर्चे के जिलाध्यक्ष अनिल पाण्डेय के भतीजे हैं। जो बचपन से ही मेधा के धनी रहे। प्रारंभिक शिक्षा राजकीय स्पर्श इंटरमीडिएट कालेज गोरखपुर से करने वाले दिव्यांग शशिभूषण की मैट्रिक और इंटर की शिक्षा हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय बनारस से हुई। इसके बाद स्नातक की पढ़ाई उन्होंने बीएचयू से की। परास्नातक की शिक्षा पाने के लिए उन्होंने जेएनयू की प्रवेश परीक्षा में श्रेष्ठ अंक अर्जित करते हुए जेएनयू में दाखिला लिया जहां वो मौजूदा समय मे मध्यकालीन इतिहास विषय से एमए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं। जहां फीस बढ़ोतरी की मांग पर हुए आंदोलन के दौरान वे पुलिस की लाठियों के शिकार हुए। होनहार पुत्र के साथ हुई घटना के बाद परिजनों और गाँव वालों ने दिल्ली पुलिस की इस कार्यवाई को बर्बरतापूर्ण कार्यवाई करार देते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
संघ से जुड़ा रहा है परिवार-समद को गद्दार कहे जाने से आहत
समद के चाचा अनिल पाण्डेय बताते हैं, ‘बचपन से ही शशिभूषण मेधावी था। सभी क्लास टॉप करता था।’ 2007 में शशिभूषण के पिता का देहांत हो गया तो चाचा अनिल पाण्डेय ही उनकी परवरिश करने लगे। समद ने आईएएस परीक्षा भी दी लेकिन राइटर सही न मिलने पर वह क्वालिफाई नहीं कर सके। जेएनयू प्रवेश परीक्षा में पास हुए तो परिवार को लगा कि अब वह कुछ कर लेंगे।
समद के दादा ने कहा- फीस बढ़ोतरी का विरोध गलत कैसे?
बीजेपी किसान मोर्चा के अध्यक्ष अनिल पाण्डेय कहते हैं कि लाठीचार्ज में समद के घायल होने की खबर परिवार को सोशल मीडिया से लगी। तब से दादा फूलचंद पाण्डेय, मां ऊषा पाण्डेय सब परेशान हैं। अनिल पांडेय ने कहा, 'एक बार बात भी हुई है लेकिन उसके बाद संपर्क नहीं हो सका है। परिवार सबसे ज्यादा आहत इस बात पर है कि समद को लोगों ने गद्दार बताया। फेसबुक पर यह टिप्पणी काफी आहत करने वाली थी कि- पीटा गया गद्दार।' वह पूछते हैं कि उनका पूरा परिवार संघ से जुड़ा रहा। बीजेपी को जब कोई पूछता नहीं था, तब से वह सेवा कर रहे हैं फिर शशिभूषण गद्दार कैसे हुआ? वह सवाल करते हैं-क्या फीस बढ़ोतरी का विरोध करना गद्दारी है?
अनिल का कहना है, 'जेएनयू के बारे में भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं। जेएनयू टॉप रैंकिंग वाला विश्वविद्यालय है और उसके बारे में जो भी कहा जा रहा है, वह गलत है।' दादा फूलचंद पाण्डेय कहते हैं कि मांग करना कैसे गलत हो सकता है। लाठीचार्ज करने वाले पुलिसवालों पर कार्रवाई होनी चाहिए।