Edited By Ruby,Updated: 22 Apr, 2019 02:14 PM
फिरोजाबादः उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर कब्जे के लिए चाचा (शिवपाल सिंह यादव) और भतीजा (अक्षय यादव) की आमने सामने की दिलचस्प लड़ाई पर सारे देश की निगाहें टिकी है। फिरोजाबाद सीट पर यूं तो कुल छह उम्मीदवा..
फिरोजाबादः उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर कब्जे के लिए चाचा (शिवपाल सिंह यादव) और भतीजा (अक्षय यादव) की आमने सामने की दिलचस्प लड़ाई पर सारे देश की निगाहें टिकी है। फिरोजाबाद सीट पर यूं तो कुल छह उम्मीदवार चुनाव मैदान में है लेकिन मुख्य मुकाबला गठबंधन से समाजवादी पार्टी के मौजूदा सांसद एवं प्रो रामागोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव और उनके चाचा एवं प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) मुखिया शिवपाल सिंह यादव के बीच है।
चाचा-भतीजे की लड़ाई का फायदा उठा सकती है BJP
चाचा भतीजे की लड़ाई का फायदा उठाने के लिए भाजपा ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कार्यकर्ता डॉ चन्द्रसेन जादौन को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं आगरा के पूर्व विधायक चौधरी वसीर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मुस्लिम वोटों को हथियाने की जुगत में है। जबकि कांग्रेस ने सैफई के प्रतिष्ठित परिवार के सदस्यों के बीच जंग में अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन रविवार को भाजपा, प्रसपा और सपा के बीच एक दूसरे के वोटों में सेंध लगाने की पूरी कोशिश हुई।
चुनाव परिणाम से तय होगा राजनैतिक भविष्य
प्रसपा उम्मीदवार भाजपा के वोट बैंक में भी सेंध लगाने की कोशिश में जुटे हुए है वहीं कांग्रेस का परम्परागत वोट भी मायावती के बयान के बाद प्रसपा की तरफ झुक चुका है। इसका पूरा फायदा शिवपाल को मिलता दिखाई दे रहा है। भाजपा प्रत्याशी अपने परम्परागत वोटों के साथ ही नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रवाद के नाम पर अपनी मजबूत स्थिति बनाए हुए है। बशर्ते उनके वोट बैंक में किसी भी प्रकार का भीतरघात ना हो। शिवपाल और उनके समर्थक यह भलीभांति जानते है कि इसी चुनाव परिणाम से उनके राजनैतिक भविष्य का सफर तय होना है। यही कारण है कि चाचा-भतीजे अपनी-अपनी जीत के लिए आखिरी समय तक जोर आजमाईश में लगे रहे। अब उनके भविष्य का फैसला यहां के मतदाताओं के भरोसे है।