Loksabha Election 2019: एक नजर इटावा लोकसभा सीट पर

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 28 Apr, 2019 02:11 PM

etawah loksabha seat

उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक इटावा लोकसभा सीट है। आजादी के बाद 1952 में पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के तुला राम ने जीत हासिल की। इसके बाद 1957 में सोशलिस्ट पार्टी के अर्जुन सिंह भदौरिया और 1962 में कांग्रेस के जीएन दीक्षित...

इटावाः उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक इटावा लोकसभा सीट है। आजादी के बाद 1952 में पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के तुला राम ने जीत हासिल की। इसके बाद 1957 में सोशलिस्ट पार्टी के अर्जुन सिंह भदौरिया और 1962 में कांग्रेस के जीएन दीक्षित चुनाव जीते, लेकिन 1967 में फिर अर्जुन सिंह भदौरिया संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर जीतने में कामयाब रहे। जिसके बाद 1971 में शंकर तिवारी ने जीत हासिल की इटावा सीट पर कांग्रेस का कब्जा कराया।
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वहीं 1977 में अर्जुन सिंह ने इस बार भारतीय लोकदल के टिकट पर जीत हासिल की, लेकिन 1980 में जनता पार्टी से राम सिंह शाक्य ने जीत का परचम फहराया और 1984 में रघुराज सिंह चौधरी कांग्रेस से जीते पर 1989 में राम सिंह शाक्य जनता दल से उतरे और जीत हासिल की। आपको बता दें कि बसपा संस्थापक कांशीराम भी लोकसभा में इटावा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। 1991 में बसपा से कांशीराम ने सफलता हासिल की थी। अगर बात पिछले तीन लोकसभा चुनाव की करें तो 2004 में सपा रघुराज सिंह शाक्य और 2009 में सपा के प्रेमदास कठेरिया ने जीत दर्ज की जबकि 2014 में मोदी लहर के सहारे अशोक कुमार दोहरे बीजेपी का कमल खिलाने में कामयाब रहे।

इटावा में कुल 5 विधानसभा सीटें
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इटावा लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल पांच विधानसभा सीटें इटावा, भरथना, दिबियापुर, औरैया और सिकंदरा विधानसभा सीटें आती हैं। PunjabKesari
आपको बता दें कि दिबियापुर और औरैया विधानसभा सीट औरैया जिले में आती है।
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जबकि इटावा, भरथना विधानसभा सीटें इटावा जिले के अंर्तगत आती है। जबकि सिकंदरा विधानसभा कानपुर जिले में शामिल है।

जानिए, इटावा से कितने मतदाता करेंगे मत का प्रयोग
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इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव में इटावा में कुल मतदाताओं की संख्या 17 लाख 39 हजार 462 है। जिसमें मतदाताओं में पुरुष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 45 हजार 186, महिला मतदाताओं की संख्या 7 लाख 94 हजार 182 और ट्रांस जेंडर के कुल 94 मतदाता शामिल हैं।

एक नजर 2014 के लोकसभा चुनाव पर
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अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर बीजेपी के अशोक कुमार दोहरे ने 4 लाख 39 हजार 646 वोटों के साथ जीत हासिल की थी। तो वहीं सपा के प्रेमदास कटारिया 2 लाख 66 हजार 700 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। जबकि बसपा के अजयपाल सिंह जाटव को 1 लाख 92 हजार 804 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

एक नजर 2009 के लोकसभा चुनाव पर
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साल 2009 की बात करें तो सपा के प्रेमदास ने 2 लाख 78 हजार 776 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। तो वहीं बसपा के गौरीशंकर 2 लाख 32 हजार 30 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे। जबकि बीजेपी के कमलेश वर्मा 1 लाख 5 हजार 652 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे।

एक नजर 2004 के लोकसभा चुनाव पर
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अगर बात साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव की करें तो सपा के रघुराज सिंह शाक्य ने 3 लाख 67 हजार 807 वोटों के साथ जीत हासिल की थी तो वहीं बीजेपी की सरीता भदौरिया 1 लाख 77 हजार 650 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहीं थी। जबकि बसपा के सुधींद्र भदौरया 1 लाख 30 हजार 43 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।

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