Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 13 Dec, 2019 04:58 PM
कड़ाके की सर्दी का सितम शुरू हो चुका है। कुछ इंसान तो गीजर, गर्म कपड़ों और हिटर से अपने ठंड को दबा लेते है। मगर ये सितम बेसहारा, गरीब...
आगराः कड़ाके की सर्दी का सितम शुरू हो चुका है। कुछ इंसान तो गीजर, गर्म कपड़ों और हिटर से अपने ठंड को दबा लेते है। मगर ये सितम बेसहारा, गरीब, असहायों के साथ और भी साथ बढ़ जाता है। वह हाड़ कंपाती ठंड में भी वह फुटपाथों पर ही ठिठुरते नजर आते हैं। मगर प्रशासन इस पर भी चुप है। शुक्रवार को आगरा नगर निगम का शर्मसान चेहरा सामने आया।
बता दें कि ठंड ने बारिश के साथ सितम को और भी बढ़ा दिया है। जबकी CM योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश दिया है कि खुले आसमान के नीचे फुटपाथ पर कोई भी नहीं मिलना चाहिए मगर आगरा का सच यही है कि सैकड़ों लोग फुटपाथ और डिवाइडर पर सोने को मजबूर हैं। गरीब और असहाय लोग टीन शेड की तलाश में भटकते रहते हैं।
आगे बता दें कि आगरा में दुनिया भर से ताजमहल देखने के लिए पर्यटक आते हैं। और कैमरे में गरीबी और बदइंतजामी को कैद कर लेते हैं। यह शर्मनाक है। इन सबके बावजूद अभी तक अस्थाई रैन बसेरे नहीं बनाए गए हैं।
काला सच यह है कि रैन बसेरे पक्के मकानों में बनाए तो गए हैं लेकिन उनमें फुटपाथ पर सोते लोगों को ले जाने की कोशिश नहीं की जाती है। दुखद है कि गरीब आदमी से कई बार पैसों की मांग की जाती है।
फुटपाथ पर सो रहे एक व्यक्ति ने बताया कि रैन बसेरे में गये थे तो वहां दस रुपये मांगे गये। हम ठंड में सोने के लिए रोज 10 रूपए कहां से लाएं। इससे अच्छा तो हम फुटपाथ पर ही सो जाएं।
उधर सरकार के आदेशों से बेपरवाह नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारिगण फुटपाथ पर सोने वालों की दुर्दशा से बेफिक्र रहते हैं।