Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 17 Aug, 2022 05:19 PM
प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। दोनों नदियों के बढ़ते जलस्तर के चलते संगम क्षेत्र पूरी तरीके से जलमग्न है। गंगा आरती स्थल के साथ ही रामघाट, किला घाट पूरी तरह से जलमग्न है।
प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। दोनों नदियों के बढ़ते जलस्तर के चलते संगम क्षेत्र पूरी तरीके से जलमग्न है। गंगा आरती स्थल के साथ ही रामघाट, किला घाट पूरी तरह से जलमग्न है। यहां संभावित बाढ़ को देखते हुए प्रशासन ने बाढ़ राहत शिविर के साथ ही नावों की भी व्यवस्था कर ली है। जिससे बाढ़ प्रभावित लोगों को रेस्क्यू करने के साथ ही जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा सके।
जानकारी के मुताबिक बाढ़ का पानी बड़े हनुमान मंदिर के पास पहुंच चुका है। दोनों नदियों के बढ़ते जलस्तर के चलते संगम क्षेत्र में रहने वाले तीर्थ पुरोहितों, नाविकों के साथ ही घाटियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट घोषित कर दिया है। संगम क्षेत्र और तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दे दिए गए हैं। गंगा के जलस्तर की रफ्तार पर नजर रखने के लिए बाढ़ नियंत्रण की टीम को अलर्ट कर दिया गया है। साथ ही जेल पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को भी एलर्ट कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि पिछले 2 दिनों के भीतर गंगा और यमुना के जलस्तर में 2 मीटर से अधिक की वृद्धि हुई है। जिसके चलते तटवर्ती इलाकों के करीब गंगा और यमुना के बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। आशंका जताई जा रही है कि जिस रफ्तार से दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है उससे आने वाले 2 से 3 दिनों के भीतर प्रयागराज के तटवर्ती इलाके बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं।
प्रशासन ने पूर्व में बाढ़ ग्रस्त इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कह दिया है। साथ ही अपने जरूरी सामान को भी हटाने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल जिस रफ्तार से दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है उसी तरह से यहां दूर दराज से आने वाले तीर्थ यात्रियों की मुश्किलें भी बढ़ रहीं हैं। संगम क्षेत्र में सीमित नावों के संचालन की वजह से लोगों को आस्था की डुबकी लगाने में भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।