Edited By Ruby,Updated: 01 Sep, 2018 12:27 PM
शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी को इस्लाम से खारिज कर दिया गया है। जिसका कारण शियाओं के सर्वोच्च धर्मगुरु अयातुल्ला अल सैयद अली अल हुसैनी अल सिस्तानी के फतवे को अस्वीकार करना है। इस मामले पर अब रिजवी ने प्रतिक्रिया देते हुए मौलाना के फैसले को...
लखनऊ(अनिल सैनी): शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी को इस्लाम से खारिज कर दिया गया है। जिसका कारण शियाओं के सर्वोच्च धर्मगुरु अयातुल्ला अल सैयद अली अल हुसैनी अल सिस्तानी के फतवे को अस्वीकार करना है। इस मामले पर अब रिजवी ने प्रतिक्रिया देते हुए मौलाना के फैसले को इनकार किया है। उन्होंने कहा कि कोई भी उन्हें इस्लाम से बाहर नहीं कर सकता है।
वसीम रिजवी ने कहा है कि मौलवी कल्बे जवाद नकवी ने उन्हें और शिया वक्फ बोर्ड के मेंबरों को इस्लाम से ख़ारिज कर दिया क्योंकि उनके अनुसार हम इराक से बाबरी ढांचे के सिलसिले में एक शरारती तत्व के द्वारा किए गए भ्रामक सवाल जवाब (जिसको मौलवी कल्बे के द्वारा फतवे की संज्ञा दी जा रही है ) को नहीं मान रहे हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट से अपना हलफनामा जो राम मन्दिर के निर्माण के संबंध में दिया था वही भी वापस नहीं ले रहे हैं।
रिजवी ने कहा कि मौलवी कल्बे को इस्लाम की कम मालूमात है, जिस वजह से वे प्रश्नोत्तरी को फतवा मान कर उन्हें इस्लाम से खारिज कर रहे हैं। रिजवी यही नहीं रूके उन्होंने कहा कि इस्लाम से किसी को भी खारिज करने का अधिकार दुनिया में किसी को नहीं है, चाहे कोई भी मुसलमान कितना ही बड़ा गुनाहगार हो। रिजवी ने कहा कि अगर कोई मुसलमान असलियत में गुनाहगार है, तो उसको उसके गुनाह की सज़ा फैसले के दिन अल्लाह की अदालत में मिल जाएगी।
इतना ही नहीं रिजवी ने कहा कि मौलवी कल्बे का खुद का आचरण शक के घेरे में है और उनपर तमाम तरह की कार्रवाई चल रही हैं जिसमें एक वक्फखोरी भी शामिल है, इसलिए मौलाना कल्बे का यह बयान हताशा और बौखलाहट दिखाता है।