Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 24 Jun, 2018 01:00 PM
प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च करती है, बावजूद इसके स्वास्थ्य महकमे के हाकिम सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।ताजा मामला मऊ जिले का है। जहां 3 घंटे तक परिजन मरीज को लेकर डॉक्टर का इंतजार करते रहे, लेकिन...
मऊ (जाहिद इमाम): प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च करती है, बावजूद इसके स्वास्थ्य महकमे के हाकिम सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।ताजा मामला मऊ जिले का है। जहां 3 घंटे तक परिजन मरीज को लेकर डॉक्टर का इंतजार करते रहे, लेकिन डॉक्टर ऑन ड्यूटी रहते हुए भी ड्यूटी से नदारद रहे और अंत में समुचित इलाज के अभाव में मरीज ने दम तोड़ दिया।
मामला जिला चिकित्सालय के इमर्जेंसी वार्ड का है। यहां बिहार के नगरा थाना क्षेत्र का रहने वाला मजदूर 1 दिन पहले एक्सीडेंट में वह घायल हो गया था। जिसके चलते उसे वहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से मऊ जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। यहां पर डॉक्टर की गैर मौजूदगी में फार्मासिस्ट और वार्ड बॉय ने उसका इलाज किया। इसके बाद परिजन बेहतर इलाज के लिए मऊ से बाहर हायर सेंटर पर ले जाना चाहते थे, लेकिन डॉक्टर की मौजूदगी नहीं होने से रेफर लेटर पर उनके दस्तखत ना हो सके। 3 घंटे तक इमरजेंसी में ही पड़े रहने के बाद मरीज की मौत हो गई।
मरीज की मौत के बाद परिजनों हंगामा शुरु कर दिया। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर की लापरवाही के चलते अपने मरीज की मौत होना बताया है। घटना की सूचना मिलने पर तत्काल जिला अस्पताल के सीएमएस इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे और परिजनों को समझा-बुझाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। वहीं अस्पताल के सीएमएस ने ड्यूटी पर रहते हुए गैर हाजिर पाए गए डॉक्टर के खिलाफ शासन स्तर पर लिखित शिकायत की बात कही है।