दिव्या हत्याकांडः 8 साल बाद मिला इस मासूम को इंसाफ, स्कूल में दरिंदगी के बाद हुई थी हत्या

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 05 Dec, 2018 05:03 PM

divya massacre

बहुचर्चित दिव्या हत्याकांड पर बुधवार को कोर्ट का फैसला आया है। स्कूल में रेप के बाद मार दी गई नन्हीं बच्ची दिव्या( काल्पनिक नाम) को आज 8 साल बाद इंसाफ मिला। इस मामले में स्कूल प्रबंधक के बेटे व मुख्य अभियुक्त पीयूष और भाई मुकेश को आजीवन कारावास की...

कानपुरः बहुचर्चित दिव्या हत्याकांड पर बुधवार को कोर्ट का फैसला आया है। स्कूल में रेप के बाद मार दी गई नन्हीं बच्ची दिव्या( काल्पनिक नाम) को आज 8 साल बाद इंसाफ मिला। इस मामले में स्कूल प्रबंधक के बेटे व मुख्य अभियुक्त पीयूष और भाई मुकेश को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

जानिए पूरा मामला
दिल्ली के निर्भया कांड की तरह पूरे उत्तर प्रदेश को गुस्से में भर देने वाला दिव्या कांड 27 सितंबर 2010 का है। जब कानपुर के कल्याणपुर इलाके के स्कूल भारती ज्ञान स्थली की कक्षा 6 की 11 वर्षीय छात्रा दिव्या क्लास रूम में खून से लथपथ पाई गई थी। इसके बाद स्कूल मैनेजमेंट ने दिव्या को उसके घर पर फिंकवा दिया और मैनेजमेंट से जुड़े सभी लोग फरार हो गए। कानपुर पुलिस पूरी तरह से दबाव में नजर आई।

11 वर्षीय बच्ची के चरित्र पर पुलिस ने उठा दी थी उंगली
दबाव के चलते पुलिस ने बच्ची के चरित्र पर उंगली उठा दी और क्लास में उसका गर्भपात होने का दावा किया। यही नहीं, कानपुर पुलिस ने 11 साल की छोटी सी बच्ची का फर्जी आशिक भी लाकर खड़ा कर दिया और उसके साथ शारीरिक संबंध होने का घृणित आरोप भी जड़ दिया। 11 साल की बच्ची के इस नकली आशिक को फर्जी तौर पर फंसा कर जेल भेज दिया गया। इस मामले में मोड़ उस वक्त आया जब बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई। उसमें साफ तौर पर लिखा हुआ था कि बच्ची के साथ रेप किया गया है।

कई दिनों तक चला आंदोलन
इस घटना के गुस्साए लोगों ने पूरे शहर में कई दिनों तक जबरदस्त आन्दोलन किया। इसके बाद पुलिस का दमनचक्र चला। जगह जगह पुलिस ने आन्दोलनकारियों पर लाठियां भांजी और कईयों को तो जेल में डाल दिया गया। इतना ही नहीं इस मामले में कवरेज करने वाले मीडियाकर्मियों को नोटिस थमा दिए, लेकिन जन आंदोलन नहीं थमा। आखिरकार दोषी स्कूल प्रबन्धक और उसका पुत्र पियूष गिरफ्तार किए गए।

बिना फीस लिए 8 साल तक लड़ा केस, मिली जीत
एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने के कारण दिव्या की मां सोनू भदौरिया को कोई कानूनी इमदाद नहीं मिल रही थी। ऐसे में मानवीय मूल्यों के नाते वरिष्ठ क्रिमिनल लायर अजय सिंह भदौरिया ने बिना फीस लिए दिव्या का केस 8 साल तक लड़ा और आज इस चर्चित केस को फैसले की दहलीज तक पहुंचाया।

बच्ची के साथ रेप और हत्या मामले में दोषियों को उम्रकैद
इस केस में आज कानपुर की सेशन कोर्ट ने बलात्कार के मुख्य आरोपी पियूष वर्मा को उम्र कैद की सजा सुनाई है और मदद करने वाले उसके भाई व सह अभियुक्त मुकेश वर्मा को साधारण कारावास की सजा सुनाई।

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