Edited By Deepika Rajput,Updated: 26 Mar, 2019 12:31 PM
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 में से ज्यादातर सीटें जीतने के लिए सभी पार्टियों में होड़ लगी है। प्रदेश की इन सीटों में रायबरेली भी है, जिसे कांग्रेस का मजबूत गढ़ कहा जाता है।
रायबरेलीः लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 में से ज्यादातर सीटें जीतने के लिए सभी पार्टियों में होड़ लगी हुई है। प्रदेश की इन सीटों में रायबरेली भी है, जिसे कांग्रेस का मजबूत गढ़ कहा जाता है। इस सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार सोनिया गांधी होंगी, लेकिन बीजेपी ने अपने प्रत्याशी के नाम का अभी खुलासा नहीं किया है। बीजेपी की ओर से पूर्व प्रत्याशी अजय अग्रवाल और कई अन्य नेताओं के नामों की चर्चा जरूर हो रही है।
रायबरेली की सीट से नेहरू-गांधी परिवार का पुराना नाता है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मोतीलाल नेहरू और 1921 में मुंशीगंज में किसानों पर गोलीबारी के बाद जवाहर लाल नेहरू यहां आए थे। कांग्रेस का यह कितना मजबूत गढ़ है यह इसी से पता चलता है कि रायबरेली में पार्टी अब तक सिर्फ 3 बार पराजित हुई है। 1977 में जनता पार्टी से राजनारायण, 1996 और 1998 में बीजेपी के अशोक कुमार सिंह ने रायबरेली संसदीय सीट पर कांग्रेस को पटकनी दी थी, लेकिन उसके बाद से यहां नेहरू-गांधी परिवार का ही कब्जा है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रायबरेली सीट पर कब्जा बरकरार रखा था।
यहां के लोग याद करते हैं कि 1967 से 1977 तक का दौर रायबरेली के विकास का स्वर्णिम समय रहा। इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार ने यहां विकास कराया था। कई बड़ी फैक्ट्रियां और राष्ट्रीय स्तर के संस्थान भी यहां खुले, लेकिन 1977 में जनता पार्टी की जीत के बाद विकास की रफ्तार थम गई। रायबरेली संसदीय सीट पर 16,50,767 मतदाता हैं। इनमें 8,70,954 पुरुष और 7,79,813 महिलाएं हैं। कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी का यहां से एक बार फिर चुनाव लड़ना तय है वहीं अजय अग्रवाल एक बार फिर बीजेपी के टिकट पर यहां से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं।
उनके अलावा कांग्रेस से बगावत करने वाले विधान परिषद सदस्य दिनेश प्रताप सिंह भी बीजेपी का टिकट चाहते हैं। अजय अग्रवाल और दिनेश प्रताप के अलावा अमर सिंह, कुमार विश्वास और मीनाक्षी लेखी का नाम भी रायबरेली से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर उछाला जा रहा है, लेकिन अभी तक पार्टी आलाकमान ने कोई फैसला नहीं लिया है।