Edited By Ajay kumar,Updated: 04 Mar, 2020 05:21 PM
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जहां जातिवाद, भेदभाव को कम करने व प्राथमिक विद्यालय की गुणवत्ता को सुधारने की बात करती है।
बरेली: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जहां जातिवाद, भेदभाव को कम करने व प्राथमिक विद्यालय की गुणवत्ता को सुधारने की बात करती है। बड़े से बड़े विज्ञापन लगाकर यह बाताने की कोशिश करती है कि बच्चों के साथ कोई भेद भाव न हो। आज देश 21वीं सदी में पहुंच चुका है फिर भी हकीकत कुछ और ही है। ऐसा ही मामला बरेली के मीरगंज के प्राथमिक स्कूल से सामने आया है। जहां पर मिड डे मील के दौरान सामान्य और दलित छात्रों को अलग-अलग जगह से भोजन की थाली व गिलास दिए गए। बच्चाें से साथ हाे रहे भेदभाव पर जब मीडिया ने इसकी जांच की तो प्रधानाध्यापक मीडिया के ऊपर ही भड़क गए।
मीडिया ने अपनी रिपोर्ट मीरगंज की खंड शिक्षा अधिकारी रचना सिंह को दी है। रिपोर्ट में जातिगत आधार पर भेदभाव की बात पढ़ कर अधिकारियों में हड़कंप मच गया। पूरा अमला इस कोशिश में लगा रहा कि यह रिपोर्ट किसी भी तरह से मीडिया के पास तक ना पहुंच पाए। फिलहाल पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए गए हैं। इस मामले में देर रात बीएसए से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका फोन नहीं लगा।
सामाजिक कार्यकर्ता राज नारायण गुप्ता ने कहा कि 21वीं सदी में भी यदि स्कूल में दलित बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार होता है तो यह जांच का विषय है। जो भी इसमें दोषी पाया जाता है उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।