आरक्षण व्यवस्था पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष का विधानसभा से वाकआउट

Edited By Ajay kumar,Updated: 26 Jul, 2019 09:23 AM

disagree with the government s response to the reservation

उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने गुरूवार को पिछड़े वर्ग और अनुसूचित जाति के लोगों के आरक्षण के कार्यान्वयन में विसंगति का आरोप लगाते हुए सदन से बहिर्गमन किया।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने गुरूवार को पिछड़े वर्ग और अनुसूचित जाति के लोगों के आरक्षण के कार्यान्वयन में विसंगति का आरोप लगाते हुए सदन से बहिर्गमन किया। शून्यकाल में सपा सदस्यों ने कार्यस्थगन नोटिस के जरिए यह मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (प्रयागराज) ने साक्षात्कार के लिए जो 'कट आफ' सूची जारी की है, उसमें सामान्य अभ्यर्थियों की अपेक्षा अधिक अंक पाने वाले पिछड़ी जाति एवं अनुसूचित जाति के अभ्यर्थी साक्षात्कार में शामिल नहीं हो सके।

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछड़े और अनुसूचित जाति वर्ग के अभ्यर्थियों को अधिक अंक हासिल करने के बावजूद साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया गया । नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी ने बताया कि आयोग द्वारा समाज शास्त्र, शारीरिक शिक्षा, सैन्य विज्ञान आदि विषयों के सहायक आचार्य पदों को भरने के लिए आवेदन आमंत्रित किये गये थे। लिखित परीक्षा लेकर परिणाम घोषित किये गये । उन्होंने कहा कि साक्षात्कार के लिए जो 'कट आफ' सूची जारी की गयी है, उसमें सामान्य अभ्यर्थियों की अपेक्षा अधिक अंक पाने वाले पिछड़ी जाति एवं अनुसूचित जाति के अभ्यर्थी साक्षात्कार में शामिल नहीं हो सके। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इसमें संविधान के तहत आरक्षण प्राप्त करने वाले पिछडी जाति तथा अनुसूचित जाति के अभ्यर्थी अधिक अंक पाने के बावजूद साक्षात्कार से वंचित हो गये हैं। उन्होंने कहा कि इसमें केन्द्र सरकार के 'द सेंट्रल एजुकेशनल इंस्टीटयूट :रिजर्वेशन इन टीचर्स: अध्यादेश 2019 और यूजीसी सर्कुलर का अनुपालन नहीं हो रहा है इसलिए संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने योग्य है। चौधरी ने दावा किया कि इस दोषपूर्ण प्रक्रिया के कारण पिछडी जाति एवं अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों में काफी रोष है जो कभी भी विस्फोटक रूप ले सकता है। 

उन्होंने आरोप लगाया कि जब से भाजपा सत्ता में आयी है, आरक्षण को समाप्त करने का प्रयास हो रहा है, जिसकी उनकी पार्टी भर्त्सना करती है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सदन को आश्वासन दिया कि आरक्षित श्रेणियों का कोटा संविधान के अनुरूप जारी रहेगा लेकिन खन्ना के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्य और उनके साथ साथ बसपा एवं कांग्रेस के सदस्य सदन से वाकआउट कर गये। 

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