Edited By Ruby,Updated: 08 Apr, 2018 04:14 PM
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नेपाल के काठमांडू और रक्सौल के बीच रेल सेवा शुरू करने की घोषणा के बाद उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) हिमालय की तलहटी में बसे पडोसी देश में सीधी बस सेवा शुरू करने पर विचार कर रही है। आधिकारिक...
लखनऊः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नेपाल के काठमांडू और रक्सौल के बीच रेल सेवा शुरू करने की घोषणा के बाद उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) हिमालय की तलहटी में बसे पडोसी देश में सीधी बस सेवा शुरू करने पर विचार कर रही है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बौद्ध पर्यटक स्थलों को जोडऩे के लिए यूपीएसआरटीसी ने चार लेन की मार्गो पर बस सेवाएं शुरू करने की योजना बनाई है। समाजवादी पार्टी (सपा) शासन में वर्ष 2015 में इस तरह की योजना पर एक प्रस्ताव तैयार किया गया था लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से इसे लागू नहीं किया जा सका। इस समय देश के लोग नेपाल सीमा तक पहुंचते हैं। फिर वहां से अपने गंतव्य के लिए दूसरी बस में सवार होते है।
हालांकि, यह सब राज्य सरकार और नेपाल सरकार द्वारा गठित कमेटी के निर्णय पर निर्भर करेगा। इसके बाद, यूपीएसआरटी को विदेश मंत्रालय द्वारा जारी अनाधिप्रमाणपत्र की आवश्यकता होगी। यूपीआरटीसी सूत्रों ने बताया कि यदि सभी प्रक्रियायें तेजी से होती हैं तो औपचारिकताओं को पूरा करने और सेवाओं को शुरू करने के लिए छह महीने का समय लग जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसके लिए चार मार्गों की पहचान की गई है, जिसमें गोरखपुर से काठमांडू, लखनऊ से नेपालगंज, आनंद विहार से नेपालगंज और आनंद विहार से लुंबनी शामिल है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके नेपाली समकक्ष के पी शर्मा ओली के बीच एक बैठक के दौरान घोषणा की गई कि भारत बिहार से काठमांडू और रक्सौल के बीच एक रेल सेवा शुरू करेगा।