Edited By Ajay kumar,Updated: 27 Nov, 2019 02:48 PM
मुगल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना और फारसी,तुर्क,भारतीय,व इस्लामी वास्तुकला का अनोखा संगम ताजमहल। जिसका दीदार करने को हर साल 80 लाख लोग आते हैं। लेकिन वही ताज का दीदार...
आगराः मुगल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना और फारसी,तुर्क,भारतीय,व इस्लामी वास्तुकला का अनोखा संगम ताजमहल। जिसका दीदार करने को हर साल 80 लाख लोग आते हैं। लेकिन वही ताज का दीदार अब और भी महँगा होने वाला है। जहां भारतीय पर्यटकों के टिकट पर 30 रुपये और विदेशियों पर 100 रुपये पथकर बढ़ाने की तैयारी चल रही है। स्वीकृति के लिए जल्द ही इसे शासन को भेजा जाएगा। हरी झंडी मिलने के बाद शासनादेश जारी करने की प्रक्रिया होगी।
बता दें कि पिछले तीन साल से लगातार ताजमहल के टिकट की दरों में बढ़ोतरी कर रहा है। 2016 से 2018 के बीच देशी पर्यटकों के प्रवेश टिकट में 10-10 रुपये की तीन बार बढ़ोतरी की। टिकट की नई दरें जनवरी 2020 से लागू हो सकती हैं। इसी प्रकार एएसआई ने विदेशी पर्यटकों की टिकट 250 रुपये से बढ़ाकर पहले 500 रुपये और फिर वर्ष 2018 में 500 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये कर दी थी। इस बार ताजमहल सहित आगरा किला, फतेहपुर सीकरी, अकबर आदि का टिकट भी महंगा होगा। वहीं ताजमहल के मुख्य गुंबद पर एएसआई ने अलग से टिकट लगा रखा है। जिसके दीदार के लिए पर्यटकों को 200 रुपये अतिरिक्त देने पड़ते हैं। एएसआई के साथ पथकर के रूप में एडीए भी पर्यटकों पर अपना टिकट लगाता है। वर्तमान में ताजमहल का 50 रुपये प्रति पर्यटक टिकट है। इसमें 40 रुपये एएसआई और 10 रुपये पथकर के होते हैं।
देशी पर्यटकों की टिकट में 30 रुपये प्रति पर्यटक की बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसे में देशी पर्यटक को ताजमहल के दीदार को 80 रुपये देने पड़ेंगे। वहीं विदेशी पर्यटकों से 1100 रुपये टिकट लिया जाता है। इसमें 600 रुपये एएसआई और 500 रुपये पथकर के होते हैं। इस तरह से विदेशी पर्यटकों के टिकट में एडीए ने 100 रुपये प्रति पर्यटक बढ़ाने की तैयारी में है। ऐसा होता है तो विदेशी सैलानियों को 1200 रुपये चुकाने होंगे। अगर मुख्य गुंबद भी देखना है तो 200 रुपये और देने पड़ेंगे।
इतना टिकट वसूलने के बाद भी संगमरमरी स्मारक ताजमहल पर पर्यटकों को शू कवर तक उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में कोई नंगे पैर तो कोई जूते पहनकर ही मुख्य गुंबद पर पहुंच रहा है। पर्यटकों को स्मारकों के आसपास भी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझना पड़ता है। एडीए के पथकर प्रभारी पंकज शर्मा ने बताया कि स्मारकों पर पर्यटकों से लिया जाना वाला पथकर लगभग एएसआई की टिकट दर के बराबर कराने की तैयारी है। प्रस्ताव तैयार हो चुका है। स्वीकृति के लिए जल्द ही इसे शासन को भेजा जाएगा।