Edited By Ruby,Updated: 27 May, 2019 11:29 AM
लखनऊः उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन कोई करिश्मा नहीं दिखा पाया और भारतीय जनता पार्टी की सुनामी में बह गया। गठबंधन से तमाम उम्मीदों के बावजूद बात अगर बसपा और सपा की अलग अलग करें तो बसपा के खाते में दस सीटें आईं तो सपा...
लखनऊः उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन कोई करिश्मा नहीं दिखा पाया और भारतीय जनता पार्टी की सुनामी में बह गया। गठबंधन से तमाम उम्मीदों के बावजूद बात अगर बसपा और सपा की अलग अलग करें तो बसपा के खाते में दस सीटें आईं तो सपा के हिस्से मात्र पांच सीट आई हैं। यहां तक यादव परिवार में से सिर्फ मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव ही अपनी सीट बचा पाए। अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव समेत धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव भी अपनी सीट नहीं बचा पाए। इसी बीच खबरें सामने आ रही हैं कि बसपा प्रमुख मायावती के पैर छूने के कारण डिंपल यादव की हार हुई है।
दरअसल, 25 अप्रैल को तिर्वा में डिंपल यादव के पक्ष में रैली करने पहुंचीं बसपा सुप्रीमो मायावती के पैर छूकर डिंपल यादव ने राजनीति में हलचल पैदा कर दी थी। डिंपल यादव के पैर छूने को सपाई संस्कार कहकर दलितों पर अपनी पकड़ मान रहे थे। वहीं माना जा रहा है कि सपा का पारंपरिक यादव वोट इसके बाद छिटककर भाजपा की ओर चला गया। कन्नौज लोकसभा सीट पर यादव वोट सबसे अधिक करीब 2 लाख 65 हजार हैं।
वहीं बहू डिंपल यादव द्वारा मायावती के पैर छूने के मामले में शिवपाल यादव को गुस्सा आ गया था। शिवपाल ने कहा था डिंपल ने मायावती के पैर छूकर समाजवाद को उनके कदमों में रख दिया जिसे माननीय मुलायम सिंह यादव और मैंने मिलकर सालों की मेहनत से खड़ा किया था। चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी यूपी में सचमुच धाराशाही हो गई। इतना हीं नहीं शिवपाल ने भतीजे अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा था कि जब मुलायम सिंह जी और मैंने कभी मायवती को बहन नहीं बनाया तो वो अखिलेश की अचानक से बुआ कैसे बन गईं।