Edited By Ruby,Updated: 11 Jan, 2019 06:26 PM
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर भले ही विपक्ष के निशाने पर हो लेकिन राज्य के पुलिस मुखिया ओम प्रकाश सिंह का दावा है कि सूबे में अपराधों का ग्राफ गिरा है। सिंह ने बातचीत में यह दावा करते हुए कहा कि वर्ष 2017 के...
लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर भले ही विपक्ष के निशाने पर हो लेकिन राज्य के पुलिस मुखिया ओम प्रकाश सिंह का दावा है कि सूबे में अपराधों का ग्राफ गिरा है। सिंह ने बातचीत में यह दावा करते हुए कहा कि वर्ष 2017 के मुकाबले 2018 में राज्य में अपराधों की संख्या में कमी आई है। ऐसा प्रभावशाली पुलिसिंग और किसी भी घटना पर त्वरित कार्रवाई किए जाने की वजह से हुआ है।
उन्होंने कहा कि पिछले दो साल के दौरान उत्तर प्रदेश में अपराध का ग्राफ निश्चित रूप से गिरा है। प्रदेश में कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखना, प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और हम प्रभावी पुलिसिंग और त्वरित कार्रवाई के बल पर आम जनता में सुरक्षा की भावना और विश्वास पैदा करने में कामयाब रहे हैं। पुलिस महानिदेशक कार्यालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में बलात्कार, हत्या, अपहरण और लूट की घटनाओं में जनवरी से दिसंबर 2017 के मुकाबले वर्ष 2018 में इसी अवधि में गिरावट आई है। आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2017 में राज्य में जहां बलात्कार के 4272 मामले सामने आए, वहीं साल 2018 में इसमें गिरावट आई और यह 3946 के आंकड़े तक रहा।
इसी तरह जहां वर्ष 2017 में प्रदेश में हत्या के 4324 मामले हुए, वहीं वर्ष 2018 में यह संख्या 4018 रही। इसके अलावा वर्ष 2017 में डकैती के 251 मामले दर्ज हुए थे जबकि 2018 में इसमें 42.63त्न की गिरावट हुई और इस अवधि में 144 मामले ही दर्ज हुए। इसके अलावा लूट के मामलों में भी 22.1त्न की कमी आई। फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में भी वर्ष 2017 के मुकाबले 2018 में 30.43त्न की कमी आई। इसके अलावा राहजनी, दहेज हत्या, ङ्क्षहसक टकराव आदि की वारदातें भी कम हुई हैं। हालांकि इस दौरान थानों में दर्ज मुकदमों की संख्या में 10.15त्न की बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2017 में जहां 3,10,810 मुकदमे दर्ज हुए थे, वहीं वर्ष 2018 में यह आंकड़ा 3,42,355 रहा।