जज्बा: पैर से दिव्यांग होते हुए भी गंगोत्री से गंगाजल लेकर आया युवक

Edited By Ajay kumar,Updated: 25 Jul, 2022 09:43 AM

despite being handicapped by foot a young man brought gangajal from gangotr

भगवान भोले की भक्ति का महीना सावन लग चुका है और कांवड़ यात्रा भी तेज हो चुकी है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए केसरिया वस्त्रों में कांवड़ियों के जत्थे दूर-दूर से गंगाजल भरकर शिवालयों की ओर जाने लगे हैं। एसे में एक दिव्यांग कांवडिया की खूब चर्चा...

बागपत: भगवान भोले की भक्ति का महीना सावन लग चुका है और कांवड़ यात्रा भी तेज हो चुकी है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए केसरिया वस्त्रों में कांवड़ियों के जत्थे दूर-दूर से गंगाजल भरकर शिवालयों की ओर जाने लगे हैं। एसे में एक दिव्यांग कांवडिया की खूब चर्चा हो रही है। एक हाथ में तिरंगा लिए 35 साल का पवन गंगोत्री से गंगाजल अपने कंधों पर लिए हुए हैं।

850 किलोमीटर का सफर होगा पूरा
पवन ने कहा, “भगवान भोलेनाथ में आस्था और दृढ़ संकल्प है जिस कारण वह हरियाणा से हरिद्वार गंगाजल लेने पहुँचा और लेकर भी आया। कुंडली हरियाणा का रहने वाला पवन 850 किलोमीटर दूरी तय करके अपना सफर पूरा करेगा।


अब तक 14 बार ला चुका हूं कांवड़
पवन ने बताया कि वह अपना एक पैर सड़क हादसे में गंवा चुका है। आर्टिफिशियल पैर लग चुका है। वह अपना पैर गंवाने के बाद चौथी बार गंगोत्री से पैदल कांवड़ ला रहा है। वैसे अभी तक वह 14 बार कांवड़ ला चुका है। वह जब कांवड़ लेने घर से निकलता है तो इसके सारे दुख दर्द भगवान भोलेनाथ हर लेते हैं, ना थकान का अहसास होता है और ना ही चेहरे पर शिकन रहती है।

तिरंगा का मकसद भारत माता की संतान
पवन कुमार का कहना है कि वह कुंडली में एक कंपनी में नौकरी भी करता है। हाथों में तिरंगा लिए रहने का मकसद यह है कि हम सब भारत माता की संतान है और तिरंगा हाथ में लेते ही एक जोश आ जाता है। पवन जहां से भी गुजरता है, उसे देखने और उसके साथ फोटो खिंचाने के लिए भीड़ जमा हो जाती। हर कोई पवन के जज्बे को सलाम करता नजर आता है।

 

 

 

 

 

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!