डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा बोले- यूपी के स्कूल शैक्षणिक सत्र 2021-22 में नहीं कर सकेंगे फीस में वृद्धि

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 20 May, 2021 05:34 PM

deputy cm dinesh sharma said  up schools will not be able to

उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के चलते पैदा हुई परिस्थितियों में सभी विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए शुल्क वृद्धि पर रोक लगा दी है। बृहस्पतिवार को उपमुख्यमंत्री एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने एक विज्ञप्ति में यह...

लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के चलते पैदा हुई परिस्थितियों में सभी विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए शुल्क वृद्धि पर रोक लगा दी है। बृहस्पतिवार को उपमुख्यमंत्री एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा, ‘‘ कोविड-19 के चलते कई परिवार आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं, विद्यालय बन्द तो हैं पर आनलाइन पठन -पाठन जारी है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने एक ऐसा संतुलित निर्णय किया है जिससे आम जनमानस पर अतिरिक्त भार न पडे, साथ ही विद्यालय में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कार्मिकों को नियमित वेतन देना सुनिश्चित किया जा सके।'' 

उपमुख्यमंत्री ने बताया, ‘‘ विद्यालय शैक्षणिक सत्र 2021-22 में पिछले वर्ष की भांति उसी शुल्क संरचना के हिसाब से शुल्क ले सकेंगे जो वर्ष 2019-20 में प्रभाव में थी। अगर किसी स्कूल ने बढी हुई शुल्क संरचना के हिसाब से फीस ले ली है, तो इस बढी हुई फीस को आगे के महीनों की फीस में समायोजित किया जाए।'' उन्होंने कहा है कि विद्यालय बन्द रहने की अवधि में परिवहन शुल्क नहीं लिया जाएगा। शर्मा ने कहा कि इसके अलावा अगर किसी छात्र अथवा अभिभावक को तीन माह का अग्रिम शुल्क जमा करने में किसी प्रकार की परेशानी आ रही है तो उनके अनुरोध पर उनसे मासिक शुल्क ही लिया जाए।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक विद्यालयों में भौतिक रूप से परीक्षा नहीं हो रही है तब तक परीक्षा शुल्क भी नहीं लिया जा सकेगा। उनके अनुसार इसी प्रकार से जब तक क्रीड़ा, विज्ञान प्रयोगशाला, लाइब्रेरी, कम्प्यूटर, वार्षिकोत्सव जैसी गतिविधियां नहीं हो रही हैं तब तक उनका शुल्क भी नहीं लिया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि सरकार ने यह निर्णय भी किया है कि अगर कोई विद्यार्थी या उनके परिवार का कोई सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित है और उन्हे फीस देने में परेशानी हो रही है तो उस विद्यार्थी के लिखित अनुरोध पर उस माह का शुल्क अग्रिम महीनों में मासिक किश्त के रूप में समायोजित किया जाएगा। शर्मा ने बताया कि इस बात के निर्देश भी दिए गए हैं कि विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मिकों का वेतन नियमित रूप से दिया जाए, इस आशय का शासनादेश जारी कर दिया गया है।

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