यूपी बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने किया चौंकाने वाला खुलासा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Apr, 2018 11:59 AM

माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की परीक्षा में अप्रत्याशित संख्या में विदेशी छात्रों की क्या दिलचस्पी हो सकती है? प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने इसका चौं...

लखनऊः माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश की परीक्षा में अप्रत्याशित संख्या में विदेशी छात्रों की क्या दिलचस्पी हो सकती है? प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने इसका चौंकाने वाला खुलासा करते हुए आज बताया कि इस साल सख्ती के कारण इम्तेहान छोडऩे वाले 11 लाख छात्र-छात्राओं में दुबई, दोहा,कतर और नेपाल के ‘परीक्षार्थी‘ भी शामिल हैं, जिससे संकेत मिलता है कि प्रदेश में नकल का कारोबार कहां तक फैला था।

शर्मा ने बातचीत में बताया कि इस साल बोर्ड परीक्षाओं के दौरान सरकार की जबर्दस्त सख्ती के कारण लाखों छात्र-छात्राओं का परीक्षा छोडऩा खासा सुर्खियों में रहा। परीक्षा छोडऩे वालों के बारे में जानकारी का बारीकी से विश्लेषण करने पर चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

उन्होंने हैरान करने वाला खुलासा करते हुए बताया कि इस साल यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडियट की परीक्षाओं में सख्ती के कारण इम्तेहान छोडऩे वाले 11 लाख छात्र-छात्राओं में 75 प्रतिशत तादाद दूसरे राज्यों और देशों के निवासियों की है। परीक्षा छोडऩे वालों में सऊदी अरब, दुबई,कतर, दोहा, नेपाल और बांग्लादेश के नागरिक भी शामिल हैं। इससे जाहिर होता है कि यूपी बोर्ड में नकल माफिया के तार कहां-कहां तक फैले हैं। सरकार इस नेटवर्क को छिन्न-भिन्न करेगी।

राज्य के माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग का जिम्मा भी सम्भाल रहे शर्मा ने बताया कि सरकार ने ठेका लेकर नकल के जरिए परीक्षा पास कराने वाले माफिया का खेल खत्म करने के लिये राज्य पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स और स्थानीय अभिसूचना तंत्र का प्रभावी इस्तेमाल किया। भविष्य में भी परीक्षाओं को पूरी तरह नकलविहीन बनाने की सरकार की योजना के बारे में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने सभी परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य कर दिया है। इससे नकल पर रोक लगाने में बहुत मदद मिली है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सभी मुमकिन रास्तों का अध्ययन किया है। अब दूसरे के नाम पर परीक्षा देने वाले या उत्तर पुस्तिकाएं बदलने वाले तत्व अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सकेंगे। मालूम हो कि इस साल 6 फरवरी से 12 मार्च तक हुईं यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं के लिए कुल 66 लाख 37 हजार 18 छात्र-छात्राओं ने फार्म भरा था। इन परीक्षाओं के परिणाम इस महीने के अंत में घोषित होंगे।     

 

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