बरेली में वसीम रिजवी के विरोध में प्रदर्शन, गिरफ्तारी की मांग

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 20 Mar, 2021 09:50 AM

demonstration in protest against wasim rizvi in  bareilly

बरेली शहर के पुराने इलाकों में मुसलमानों ने शिया वक्‍फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिन्होंने कुरान से 26 आयतों को हटाने के लिए उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की है। प्रदर्शनकारियों ने रिजवी के खिलाफ मुकदमा...

बरेली: बरेली शहर के पुराने इलाकों में मुसलमानों ने शिया वक्‍फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिन्होंने कुरान से 26 आयतों को हटाने के लिए उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की है। प्रदर्शनकारियों ने रिजवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की मांग की है। सैलानी शाहदाना पुराने शहर का बाजार बंद कर भारी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने सैलानी से शाहदाना तिराहे तक प्रदर्शन किया और वसीम रिजवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम संबोधित एक ज्ञापन एक वरिष्‍ठ अधिकारी को सौंपा। प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए धर्मगुरु समरान खान ने आरोप लगाया कि वसीम रिजवी लगातार मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलता आ रहा है, जिसके कारण मुस्लिम समुदाय में आक्रोश है और इस वजह से हिंदुस्तान का माहौल भी बिगड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि रिजवी ने मुसलमानों की पवित्र पुस्तक के बारे में अपनी टिप्पणी कर मुसलमानों के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने रिजवी की गतिविधियों पर अंकुश लगाने की मांग करते हुए कहा कि अगर इससे बड़ी समस्‍या हो सकती है। रिजवी की याचिका को खारिज करने और सामाजिक और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर उनके सभी आडियो और वीडियो पर प्रतिबंध लगाने के अलावा जल्‍द से जल्‍द उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का आग्रह करते हुए उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत गिरफ्तार करने की मांग की है। उन्होंने किसी भी धर्म और धार्मिक प्रमुख के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान करने वाले कानून बनाने का भी आह्वान किया।

इस बीच, शुक्रवार की नमाज के बाद बरेली की जामा मस्जिद से वसीम रिजवी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भी आह्वान किया गया। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने पिछली 11 मार्च को उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर कहा था कि कुरान शरीफ की 26 आयतों को हटाया जाए। उनकी दलील थी कि इन आयतों से आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है। हालांकि विभिन्न मुस्लिम संगठनों तथा भाजपा के भी कुछ नेताओं ने इसका कड़ा विरोध किया था। केंद्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने रिजवी को एक नोटिस जारी कर अपना बयान वापस लेने और बिना शर्त माफी मांगने को कहा था। 
 

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