KGMU में नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, सरगना समेत 7 गिरफ्तार

Edited By Anil Kapoor,Updated: 19 Aug, 2018 08:57 AM

demolition of gang rioting in kgmu seven arrested including gangster

उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने किंज जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने यह जानकारी दी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने किंज जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि केजीएमयू में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह सरगना देवरिया निवासी अरविन्द कुमार के अलावा कुशीनगर निवासी साजिद अन्सारी ,लखनऊ निवासी रजनीकान्त रावत, राघवेन्द्र सिंह, मोहित शर्मा, बृजेश अवस्थी और अनुराग पांडेय को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से 11 मोबाइल फोन, 20110 रुपए की नकदी, 12 एटीएम कार्ड और 6 फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद किए गए। उन्होंने बताया कि पिछले काफी दिनों से मेडिकल कॉलेज लखनऊ में संविदा पर फर्जी नियुक्ति के लिए नौकरी लगवाने के नाम पर मोटी रकम वसूलने वाले गिरोह के सक्रिय होले की सूचना प्राप्त हो रही थी। इस गिरोह को पकड़ने के लिए उन्होंने एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक प्रो. त्रिवेणी सिंह को जिम्मेदारी सौंपी थी।

सिंह ने बताया कि इसी क्रम में जानकारी मिली कि एक गिरोह किंज जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय(केजीएमयू) लखनऊ में संविदा पर कम्प्यूटर अॉपरेटर के पद पर नियुक्ति के लिए नौकरी लगाने के नाम पर बेरोजगारों से मोटी रकम वसूल कर उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किया गया है। इस गिरोह का मुख्य सरगना अरविन्द कुमार सिंह है और शनिवार को वह अपने साथियों के साथ फर्जी नियुक्ति के सम्बन्ध में मिलने वाला है। इस सूचना पर एसटीएफ की टीम ने केजीएमयू परिसर में न्यू ओपीडी के भूमिगति पार्किग के पास 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार गिरेह सरगना अरविन्द कुमार सिंह ने पूछताछ में बताया कि वह केजीएमयू में संविदा पर कम्प्यूटर अॉपरेटर के पद पर कार्यरत है। वह अपने साथियों के साथ मिल कर इस फर्जी वाड़े को अंजाम देता है। उसके साथियों द्वारा यह बात फैलाई जाती है कि केजीएमसी में विभागीय संविदा कम्प्यूटर अॉपरेटर के स्थान रिक्त है, जो लोग संविदा पर नौकरी के लिए इच्छुक हो अरिवन्द कुमार सिंह से मिलें और इस नौकरी की एवज में उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र दिया जाता है तथा इसके लिए 2 लाख लिए जाते है। पैसा मिलने के बाद ये लोग उसका बराबर बंटवारा कर लेते है। गिरफ्तार लोगों के विरूद्ध कोतवाली चौक पर मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।

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