Edited By Ajay kumar,Updated: 19 Jul, 2019 10:51 AM
देश की सेवा करने वाला एक सीआरपीएफ का जवान अपने बेटे के जिंदा या मुर्दा न मिलने पर जहां सीआरपीएफ कमांडेड से लेकर डीजीपी तक गुहार लगा रहा है वहीं...
आजमगढ़: देश की सेवा करने वाला एक सीआरपीएफ का जवान अपने बेटे के जिंदा या मुर्दा न मिलने पर जहां सीआरपीएफ कमांडेड से लेकर डीजीपी तक गुहार लगा रहा है वहीं, उसका कहना है कि पुलिस केवल अपराधियों के कहने पर उसके बेटे को मरा हुआ मान रही है, जबकि पूरे परिवार को विश्वास है कि उसका बेटा अभी जिन्दा है और अपराधियों ने उसे कहीं छिपा कर रखा है। फौजी की मांग है कि उसके बेटे को पुलिस जिंदा या मुर्दा तलाश करे। घटना आजमगढ़ जिले महराजगंज थाना क्षेत्र के बड़हरडीह गांव की है।
महराजगंज थाने के बड़हरडीह गांव निवासी रणविजय सिंह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 136 वीं बटालियन असम राज्य के नलबाड़ी जिले के अतिसंवेदनशील क्षेत्र में तैनात है। 19 दिन पूर्व 28 जून को अपने छोटे पुत्र मनन के गायब हो जाने की खबर मिलने पर छुट्टी लेकर घर आये। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने मनन के गायब होने पर गांव के ही रजनीश सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोपी से पूछताछ के बाद पुलिस ने हत्या कर शव को घाघरा नदी में फेके जाने की बात बताने पर करीब एक सप्ताह तक गोताखोर लगा कर शव की तलाश की, मगर कहीं पर शव नहीं मिला।
पुलिस ने 6 जुलाई को नामजद आरोपी को जेल भेज दिया। मगर आरोपी के निशानदेही एवं बयान के आधार पर पुलिस प्रशासन को अब तक कोई कामयाबी नहीं मिल पाई। देश के दुश्मनों से लोहा लेने वाले फौजी रणविजय का पूरा परिवार बेटे के गायब होने से टूट गया है। इस मामले में फौजी ने सीआरपीएफ मुख्यालय को भी पत्र लिख कर पूरे मामले को अवगत कराया। सीआरपीएफ जवान के पत्र को गंभीरता से लेते हुए कमांडेंट ने 11 जुलाई को जिला प्रशासन के नाम पत्र भेजकर वास्तविक वस्तु स्थिति से सीआरपीएफ मुख्यालय को अवगत कराने को कहा है। इतना नहीं जवान ने अपने बेटे की तलाश के लिए प्रदेश के डीजीपी से भी गुहार लगाई। जवान की मानें तो उसके बेटे की हत्या नहीं हुई बल्कि आरोपी पुलिस को बरगला रहे हैं। पीड़ित जवान रणविजय सिंह की मांग है कि अगर उसके बेटे की हत्या हो गयी तो पुलिस इसका साक्ष्य दे।
फौजी के बेटे के गायब होने के बाद असम से लेकर आजमगढ़ तक हड़कम्प मचा हुआ है। पुलिस लगातार शव बरामद करने के लिए हाथ-पांव मार रही है, लेकिन करीब 20 दिनों बाद भी नतीजा शून्य है। वहीं पुलिस का कहना है कि पकड़े गये आरोपियों ने जो भी बात बताई उसके आधार पर फौजी के बेटे की मौत हो चुकी है। डीजीपी के आदेश और निर्देश के बाद जांच दायरा बढ़ा दिया गया है। अपराधी के कई साइंटिफिक टेस्ट कराये जा रहे हंै।