Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 30 Sep, 2021 06:02 PM
कांग्रेस (Congress) के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा (Deepender Hooda) ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल में गन्ना मूल्य (sugarcane price) में की गयी 25 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी को नाकाफी बताते हुए इसे और बढ़ाकर कम से कम 400 रुपये प्रति...
लखनऊ: कांग्रेस (Congress) के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा (Deepender Hooda) ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल में गन्ना मूल्य (sugarcane price) में की गयी 25 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी को नाकाफी बताते हुए इसे और बढ़ाकर कम से कम 400 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की है। हुड्डा ने बृहस्पतिवार को यहां कांग्रेस राज्य मुख्यालय पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल में गन्ना मूल्य में 25 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया है, जिससे गन्ने का अधिकतम मूल्य 350 रुपए प्रति क्विंटल हुआ है, लेकिन इसे और बढ़ाकर कम से कम 400 रुपए प्रति क्विंटल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015-16 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी कर दी जाएगी, लेकिन आज हालत यह है कि उन्हें उपज की लागत निकालना ही मुश्किल हो गया है।
कांग्रेस नेता का कहना था कि वर्ष 2014 में डीजल का दाम 40 रुपये प्रति लीटर था जो अब बढ़कर 90 रुपए प्रति लीटर हो चुका है तथा उपज की लागत दोगुनी से ज्यादा हो गई है, लेकिन उसके मूल्य में उस हिसाब से बढ़ोत्तरी नहीं की गई। हुड्डा ने आरोप लगाया कि किसान करीब 10 महीने से नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं लेकिन उनकी समस्याओं के प्रति सरकार तनिक भी संवेदना नहीं दिखा रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का रास्ता निकाले। हुड्डा ने कहा कि कोरोना काल में उत्तर प्रदेश में मौत का जो नजारा दिखाई दिया उसने देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को हिला दिया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस महामारी में मारे गए लोगों का जो आंकड़ा पेश किया है, दरअसल वास्तविक संख्या उससे कई गुना ज्यादा है। हुड्डा ने गोरखपुर जिले में कानपुर निवासी कारोबारी मनीष गुप्ता की कथित रूप से पुलिस कर्मियों द्वारा पीट-पीटकर की गई हत्या के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि यह सरकार के अमानवीय चेहरे को जाहिर करता है। हुड्डा ने पिछली 17 और 19 सितंबर को गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से करीब 3000 किलोग्राम हेरोइन बरामद किए जाने का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने इस मामले में अभी तक छोटी मछलियों को ही पकड़ा है। उन्होंने कहा , ‘‘ अभी ऐसे बहुत से सवाल हैं जिनके जवाब नहीं मिल सके हैं। आखिर गुजरात के बंदरगाह अब तस्करों के लिए पहली पसंद क्यों बनते जा रहे हैं और सरकार तस्करों के सिंडिकेट का भंडाफोड़ करने के लिए सार्थक कदम क्यों नहीं उठा रही है। ''