''दारूल उलूम चुनावी राजनीति से खुद को पूरी तरह से अलग रखेगी''

Edited By Ruby,Updated: 17 Jan, 2019 06:20 PM

darul uloom will keep himself completely separate

उत्तर प्रदेश के सहारपुर स्थित इस्लामिक शिक्षण संस्था दारूल उलूम देवबंद के चांसलर मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने साफ कर दिया कि उनकी संस्था चुनावी राजनीति से खुद को पूरी तरह से अलग रखेगी।  समाजवादी पार्टी ,बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के बीच हुए...

सहारनपुरः उत्तर प्रदेश के सहारपुर स्थित इस्लामिक शिक्षण संस्था दारूल उलूम देवबंद के चांसलर मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने साफ कर दिया कि उनकी संस्था चुनावी राजनीति से खुद को पूरी तरह से अलग रखेगी।  समाजवादी पार्टी ,बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के बीच हुए चुनावी गठबंधन पर कोई टिप्पणी करने से इंकार करते दारूल उलूम के सर्वोच्च अधिकारी नौमानी ने कहा कि चुनाव के दौरान वह किसी भी सियासी दल के नेता से मुलाकात नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा कि दारूल उलूम के दरवाजे हमेशा सभी के लिए खुले रहते हैं, लेकिन उनकी संस्था सियासी गतिविधियों में किसी भी तरह से साझीदार नहीं होना चाहती। मीडिया से भी अनुरोध किया कि वे दारूल उलूम और उसके शिक्षकों से सियासत पर बयान आदि लेने से परहेज करें। चांसलर ने यह भी कहा कि दारूल उलूम किसी भी चुनाव में मुसलमानों से किसी तरह की कोई भी अपील नहीं करता है। इस बार भी इसी परंपरा का पालन किया जाएगा। 

दारूल उलूम सियासतदानों के लिए हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहा है। राजीव गांधी,मुलायम सिंह यादव,मनीष सिसोदिया, ठाकुर अमर सिंह, राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद,सलमान खुर्शीद, अखिलेश यादव, नसीमुद्दीन सिद्दिकी आदि सियासी मंशा को लेकर दारूल उलूम आते रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों के दौरान संस्था राजनेताओं को चुनाव के दौरान दारूल उलूम में ना आने के लिए कहती रही है।

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