दारूल उलूम का फतवा- ब्याज की रकम से जरूरतमंदों की मदद में हर्ज नहीं

Edited By Ajay kumar,Updated: 05 May, 2020 05:56 PM

darul uloom fatwa  interest amount does not help the needy

सहारनपुर जिले के देवबंद स्थित दारूल उलूम ने एक फतवा जारी कर कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों द्वारा बैंक में जमा रकम पर मिले ब्याज से गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद की जा सकती है।

सहारनपुर: सहारनपुर जिले के देवबंद स्थित दारूल उलूम ने एक फतवा जारी कर कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों द्वारा बैंक में जमा रकम पर मिले ब्याज से गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद की जा सकती है। दारूल उलूम के मीडिया प्रभारी अशरफ उस्मानी ने बताया कि संस्था से कर्नाटक के एक शख्स, मोहम्मद ओसामा ने सवाल पूछा था कि उनकी मस्जिद के बैंक खाते में जमा रकम पर ब्याज की काफी रकम बनती है, मौजूदा हालात में क्या ब्याज की रकम से क्या जरूरतमंदों की मदद की जा सकती है।

उन्होंने बताया कि दारूल उलूम ने इस पर अपने फतवे में कहा है कि बैंक में जमा रकम पर ब्याज के नाम पर जो राशि मिलती है वह शरीयत की नजर में नाजायज है। संस्था के मुताबिक, “ब्याज की इस रकम का व्यक्तिगत रूप में या मस्जिद के लिये इस्तेमाल करना दुरुस्त नहीं है लेकिन बिना सवाब की नीयत से मुश्किल वक्त में इस रकम का इस्तेमाल गरीबों व जरूरतमंदों के लिये किया जा सकता है।”

दारूल उलूम के मुताबिक इस रकम से जरूरतमंद लोगों को राशन आदि खरीदकर देने में शरियत के लिहाज से कोई हर्ज नहीं है। इससे जरूरतमंद की मदद हो जाएगी।

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