Edited By ,Updated: 21 Oct, 2015 07:16 PM
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) को शक है कि दादरी में गोमांस खाने की अफवाह पर पीट-पीटकर हुई मोहम्मद अखलाक की हत्या के पीछे ‘सोची-समझी योजना’ थी।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) को शक है कि दादरी में गोमांस खाने की अफवाह पर पीट-पीटकर हुई मोहम्मद अखलाक की हत्या के पीछे ‘सोची-समझी योजना’ थी। आयोग ने दादरी कांड के बाद नेताओं के विवादित बयानों को ‘परेशान करने वाला’ करार देते हुए कहा कि ऐसे हिंसात्मक कार्यों से फायदा लेने के तहत विवादित बयान दिए गए।
अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य फरीदा अब्दुल्ला ने रिपोर्ट जारी करने की जानकारी देते हुए आज तक को बताया कि हमने दादरी के बिसहेड़ा गांव में जाकर पूछताछ की। जानकारी जुटाई जिससे पता चला कि पीड़ित परिवार से किसी की दुश्मनी नहीं थी। वहां ऐसी कोई भी वजह नहीं थी जो कि इस तरह के हमले के लिए जिम्मेदार बन सके। फरीदा के मुताबिक यह घटना उस वक्त हुई जब सब लोग अपने घरों में सो रहे थे। गांव के किसी मुसलमान को इस बात का अंदाजा नहीं था कि इस तरह की वारदात होने वाली है।
आयोग की सदस्य ने कहा कि बिना किसी पूर्व योजना के अचानक किसी को मारने के लिए गांव के इतने सारे लोगों को इक_ा करना मुमकिन नहीं था। वहां लोगों में जुनून भरा गया। उन्हें उकसाया गया। फरीदा का मानना था कि यह घटना एक परिवार के खिलाफ नहीं बल्कि एक पूरे समुदाय के खिलाफ थी। यह एक समुदाय के खिलाफ हिंसा की बढ़ता ज्वार है। खासकर मुसलमानों के खिलाफ। और इसे हवा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि आज महसूस हो रहा है कि मुसलमानों पर कभी भी हमला किया जा सकता है। और इसके लिए कोई जवाबदेही नहीं है।