Edited By Ajay kumar,Updated: 26 Sep, 2019 09:01 AM
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर रेंज में साइबर थाना और सभी नगर निगमों में एकीकृत ट्रैफिक कमांड सेंटर स्थापित करने का निर्देश दिया है। हाल के वर्षों में अपराध की प्रवृत्ति बदली है और पुलिस को भी उसी के अनुसार बदलना होगा।
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर रेंज में साइबर थाना और सभी नगर निगमों में एकीकृत ट्रैफिक कमांड सेंटर स्थापित करने का निर्देश दिया है। हाल के वर्षों में अपराध की प्रवृत्ति बदली है और पुलिस को भी उसी के अनुसार बदलना होगा। इसके तहत हर रेंज में साइबर थाने बनेंगे और इन थानों तथा फारेंसिक लैब के कैंपस एक ही होंगे।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि बुधवार को यहां सभी जोनों के एडीजी के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने ये निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध के साथ भ्रष्टाचार पर भी सरकार का रवैया ‘जीरो टॉलरेंस' का है। पुलिस के प्रति लोगों का नजरिया तभी बदलेगा जब थाने से ही उनको इंसाफ मिलने लगेगा। एक बार ऐसा होने लगेगा तो लोग पुलिस को मित्र और मददगार समझेंगे। लोग आगे बढ़कर पुलिस के साथ सहयोग करेंगे तो अपराध खुद न्यूनतम स्तर पर आ जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एडीजी अपने-अपने जिलों के पुलिस अधीक्षकों की कार्यप्रणाली पर नजर रखें। अगर कोई गलत है तो उसके बारे में शासन को रिपोर्ट भेजें। यह सुनिश्चित कराएं कि थानेदारों की तैनाती का एक मात्र मानक मेरिट ही हो। उन्होंने महीने में एक जिले में औचक निरीक्षण करने को भी कहा। योगी ने अधिकारियों को तीन मंत्र भी दिये। प्रोत्साहन, चेतावनी और छुट़टी। सरकार ने विभाग की बुनियादी संरचना बेहतर करने के लिए बजट में 6.5 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। अधिकतर पैसा अभी तक खर्च नहीं हुआ है। इसे समयबद्ध तरीके से खर्च करें।
उन्होंने कहा कि अच्छे काम करने वालों को प्रोत्साहित करें, जो ठीक से काम नहीं कर रहे उनको चेतावनी दें और संदिग्ध चरित्र के लोगों की छुट़टी कर दें। शासन ने हाल ही में ठोस प्रमाणों के आधार पर कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। कई ऐसे लोग रडार पर हैं। उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। योगी ने कहा कि आज तीन तलाक पीड़िताओं में से भी कुछ महिलाओं ने थानों की शिकायत की। वाहन चेकिंग के दौरान भी लोगों को बेवजह परेशान करने की शिकायतें मिलीं है। ऐसी शिकायतें नहीं मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि दशहरा, दीवाली और छठ के अलावा राम मंदिर पर आने वाले फैसले को लेकर सतर्क रहें। थाना स्तर पर अपनी तैयारी अभी से शुरू कर दें। अलग-अलग समूहों के साथ बैठक करें। खुफिया तंत्र को मजबूत करें। मंदिर पर फैसला आने के बाद जोश में होश खोने वालों और निराशा में कुछ करने वालों पर नजर रखे।