Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Oct, 2017 02:11 PM
केंद्र की मोदी सरकार आैर सूबे की योगी सरकार भले ही गायाें की सुरक्षा आैर हत्या काे राेकने के लिए कई ..
फतेहपुरः केंद्र की मोदी सरकार आैर सूबे की योगी सरकार भले ही गायाें की सुरक्षा आैर हत्या काे राेकने के लिए कई सख्त कदम उठाए हाें बावजूद इसके गायाें की हालात में सुधार नहीं हाे रहा है। फतेहपुर में गायों की दुर्दशा देखकर कर यही लगता है कि योगी राज में रोती गाय, बिलखता ग्वाला वाला हाल हो रहा है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल मामला खागा तहसील के अभयराजपुर का है। यहां के निवासी रामकरन यादव जो गांव में गौशाला चलाते हैं। वो बमुश्किल खुद के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पा रहे हैं। 70 साल के इस बुजुर्ग के कंधों पर लगभग 54 गायों के भरण-पाेषण का जिम्मा है। जिस जगह पर वो गाय बांधते हैं लोग उस जगह काे भी अब खाली करा रहे हैं। मजबूर होकर रामकरन को सभी गायों के साथ खुले आसमान के नीचे मौसम की मार झेलनी पड़ रही है। अकेले पड़ गए रामकरन को खुद ही गायों की देखरेख करनी पड़ रही है।
गायाें काे जहर देकर खुद दे दूंगा जान:- गौसेवक
बुजुर्ग गौसेवक रामकरन का कहना है कि उन्होंने प्रशासन से कई बार मदद मांगी है लेकिन कोई भी उनकी बात सुनने या मदद करने को तैयार नहीं है। अगर कोई हमारी मदद नहीं करेगा तो वो गायों को जहर देकर खुद भी जान दे देंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी-योगी के सारे वादे झूठे हैं।
जिले में कोई सरकारी गौशाला नहीं-डीएम
वहीं इस मामले में डीएम कुमार प्रशांत ने बताया कि जिले में कोई सरकारी गौशाला नहीं है, जो भी हैं वो खुद की संस्था द्वारा संचालित है। अगर जानवरों के साथ दुर्व्यवहार की सूचना मिलती है तो टीम भेजकर जांच कराई जाएगी।
सरकार पर उठ रहे सवाल
ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि गाय को गौ माता कहने वाले अब कहां सो रहे हैं। उनकी आखें क्यों नहीं खुल रही हैं। क्यों उन्हें 70 साल के इस बुजुर्ग की गुहार सुनाई नहीं दे रही।