Covid-19: इटावा में कोरोना संक्रमण से मुक्ति के लिए जिला जेल के कैदी कर रहे व्रत

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 15 Apr, 2021 05:52 PM

covid 19 district prisoner fasting in etawah to get rid of corona

उत्तर प्रदेश के इटावा जिला जेल के कैदी नवरात्रि से कोरोना से मुक्ति के लिए कामना करने मे लगे हुए है। नवरात्र में तो काफी संख्या में बंदी माता के 9 दिन का व्रत करते है। इस समय जेल में 1700 से अधिक बंदी निरुद्ध है। जिसमें 215 बंदी 9 दिनों का व्रत रखे...

इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा जिला जेल के कैदी नवरात्रि से कोरोना से मुक्ति के लिए कामना करने मे लगे हुए है। नवरात्र में तो काफी संख्या में बंदी माता के 9 दिन का व्रत करते है। इस समय जेल में 1700 से अधिक बंदी निरुद्ध है। जिसमें 215 बंदी 9 दिनों का व्रत रखे हुए है। इनमें 20 महिलाएं भी शामिल है नवरात्रि के पहले दिन कुल 394 बंदियों ने व्रत रखा था इनमें 40 महिलाएं भी शामिल थी। इटावा जिला जेल में पिछले कई दिनों से कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में बंदी अपने आप को पूजा पाठ के द्वारा सुरक्षित रखने का प्रयास कर रहे है। कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा परेशान जेल के बंदी है क्योंकि कोरोना के चलते वह 13 माह से अपने लोगों से नहीं मिल सके है।

ऐसे में उनके द्वारा जेल की चारदीवारी के बीच नवरात्र का व्रत रख कर मां जगदंबा से कोरोना मुक्ति की कामना भी की जा रही है। व्रत रखने वाले बंदी अपनी-अपनी वैरको में ही माता का पूजन अर्चन कर रहे हैं । पहले दिन जहां 395 बंदियों ने व्रत रखा था वही 215 बंदी नौ दिन का व्रत रखे हुए है। इस दौरान बंदियों के द्वारा शोसल डिस्टेस्टिग का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। जेल में रहकर भी बंदी ईश्वर की आराधना में पीछे नहीं रहते है। चाहें सावन के सोमवार हों या फिर नवरात्रि के अलावा सभी प्रमुख पर्वोें पर बंदी पूरे उत्साह के साथ भक्ति भाव में डूबे रहते है। पुरुष बंदियों के साथ महिला बंदी भी धार्मिक कार्यों में पीछे नहीं रहतीं है लेकिन कोरोना काल में बंदियों की आस्था और भी ज्यादा बढ़ गई है।

बंदियों के पूजन अर्चन में जेल प्रशासन भी पूरा सहयोग कर रहा है। बंदियों के द्वारा अपनी अपनी बैरकों में दुर्गा चालीसा व दुर्गा सप्तशती का पाठ भी किया जा रहा है। वही कई बंदी मानसिक जाप भी कर रहे है। जेल प्रशासन की ओर से व्रत रखने वाले बंदियों के लिए फलाहार की व्यवस्था भी की गई है। जेल अधीक्षक राज किशोर सिंह ने बताया कि व्रत रखने वाले बंदियों को प्रतिदिन फलाहार के लिए दो केले, आधा किलो आलू, ढाई सौ ग्राम दूध व सौ ग्राम शक्कर उपलब्ध कराई जा रही है साथ एक चाय भी अतिरिक्त दी जा रही है। उनका कहना कि व्रत रखने बाले बंदी पूजा पाठ मास्क लगाकर करते है और सोशल डिस्टेस का भी पूरी तरह पालन करते है। वैसे जेल को सुधार गृह माना जाता है। यहां पर अपराधों में लिप्त जो भी बंदी आते हैं उनके द्वारा प्रायश्चित भी किया जाता है।

पूजा-पाठ करने वाले बंदियों की आदत जेल में भी बरकरार रहती है। त्योहारों के अलावा अन्य जो भी पर्व जिन पर व्रत रखा जाता है उन पर अधिकतर बंदी व्रत रखने के साथ पूजन अर्चन भी करते हैं। इटावा जिला जेल ब्रिटिश कालीन है। जिस समय जेल बनकर तैयार हुई थी, उस समय इस जेल में बंदियों की क्षमता 610 की थी, लेकिन वर्तमान में यहां पर 1700 से अधिक बंदी निरुद्ध हैं। प्रतिदिन जेल में बंदियों की संख्या घटती बढ़ती रहती है । वैसे तो जेल परिसर में माता गायत्री का मंदिर बना हुआ है। प्रतिदिन बंदी यहां पर पूजा अर्चना करते हैं। जेल में बने मंदिर के अलावा बैरकों में भी पूजापाठ जारी रहता है । दुर्गा सप्तशती पाठ,दुर्गा चालीसा व अन्य मंत्रों का उच्चारण भी किया जाता है। 

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