Edited By Anil Kapoor,Updated: 23 Feb, 2021 09:20 AM
एमपी/एमएलए की विशेष अदालत ने 2016 में भारतीय जनता पार्टी के एक नेता की नाबालिग पुत्री और उसके परिवार की महिलाओं के खिलाफ अमर्यादित शब्दों का उपयोग करने के मामले में पूर्व मंत्री और बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल...
लखनऊ: एमपी/एमएलए की विशेष अदालत ने 2016 में भारतीय जनता पार्टी के एक नेता की नाबालिग पुत्री और उसके परिवार की महिलाओं के खिलाफ अमर्यादित शब्दों का उपयोग करने के मामले में पूर्व मंत्री और बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल राजभर तत्कालीन राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम, अतर सिंह राव और नौशाद अली के खिलाफ आरोप तय कर दिया है।
विशेष न्यायाधीश पी. के. राय ने इसी मामले के अन्य अभियुक्तों मेवालाल गौतम, नौशाद अली व अतहर सिंह राव के खिलाफ भी आरोप तय करते हुए अभियोजन को 20 मार्च को अपना गवाह पेश करने को कहा है। भाजपा नेता की मां तेत्रा देवी ने थाना हजरतगंज में 22 जुलाई, 2016 को इस सिलसिले में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उप्र भाजपा के वरिष्ठ नेता दया शंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह वर्तमन में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। अदालत में सोमवार को आरोप तय होते समय सभी अभियुक्त व्यक्तिगत रूप से उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि विवेचक ने 12 जनवरी, 2018 को इस मामले में अभियुक्तों के खिलाफ पॉक्सो सहित अन्य धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। भाजपा नेता की मां ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा में उनकी नाबलिग पोती समेत परिवार की सभी महिलाओं को गालियां दी और अपशब्द कहे। जबकि इसके कुछ दिन बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर और मेवालाल की अगुवाई में बसपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज स्थित आम्बेडकर प्रतिमा पर उनके पुत्र को मां व बहन की गंदी गालियां दीं और अभद्र टिप्पणी करते हुए धरना प्रदर्शन किया था।