Edited By Ajay kumar,Updated: 23 Mar, 2020 10:49 AM
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने रविवार को कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने मेरठ एवं गोरखपुर मेडिकल कालेज को नोवेल कोरोना वायरस के अधिकृत डायगनोस्टिक केन्द्र का दर्जा दे दिया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने रविवार को कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने मेरठ एवं गोरखपुर मेडिकल कालेज को नोवेल कोरोना वायरस के अधिकृत डायगनोस्टिक केन्द्र का दर्जा दे दिया है। खन्ना ने बताया कि इसके अलावा झांसी और प्रयागराज मेडिकल कालेज को भी कोरोना डायगनोस्टिक सेंटर के तौर पर तैयार किया जा रहा है और जल्द ही ये भी काम करने लगेंगे।
प्रदेश सरकार ने पिछले सप्ताह एक प्रस्ताव भेज कर आईसीएमआर से कोविड-19 टेस्ट के लिये चार प्रयोगशालाओं की मंजूरी मांगी थी। अब तक प्रदेश में कोरोना मामलों के डायगनोस्टिक केन्द्र के तौर पर लखनऊ के केजीएमयू के अलावा अलीगढ मुस्लिम यूनीवर्सिटी और बनारस हिन्दू यूनीवर्सिटी (बीएचयू) स्थापित है। मंत्री ने कहा कि सरकार संक्रामक वायरस से लडने के लिये सभी इंतजाम कर रही है। नयी प्रयोगशालाओं की स्थापना की प्रक्रिया जारी है और आइसीएमआर से मान्यता मिलते ही इन प्रयोगशालाओं में परीक्षण की सुविधा मिलने लगेगी।
खन्ना ने रविवार को जनता कर्फ्यू का अपार समर्थन करने के लिये जनता के प्रति आभार व्यक्त किया और जानलेवा बीमारी से जंग के लिये आगे भी तैयार रहने को कहा।