Edited By Umakant yadav,Updated: 28 Apr, 2020 04:04 PM
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस ने पूरी तरह से अपना पैर पसार लिया है। दिन-प्रतिदिन संक्रमित लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसी क्रम में तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों को सह देना मदरसों में रहने वाले छात्रों पर भारी...
कानपुर: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस ने पूरी तरह से अपना पैर पसार लिया है। दिन-प्रतिदिन संक्रमित लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसी क्रम में तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों को सह देना मदरसों में रहने वाले छात्रों पर भारी पड़ गया। इनकी वजह से कानपुर में कोरोना संक्रमित हर तीसरा मरीज किसी न किसी मदरसे का छात्र है। शहर में अब तक सामने आए कुल 200 कोरोना पॉजिटिव में से 64 मदरसा छात्र शामिल हैं।
सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं रखा गया ख्याल
बता दें कि यह आंकड़ा कुल संख्या का 32 फीसदी से भी अधिक बैठता है। कुली बाजार स्थित मदरसे के सबसे ज्यादा 40 छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसी तरह मछरिया मदरसे के 18 और जाजमऊ मदरसे के 6 छात्र संक्रमित हैं। इतनी बड़ी संख्या में छात्रों के संक्रमित होने के पीछे यही बात सामने आई है कि निजामुद्दीन मरकज से जुड़ी तब्लीगी जमात के लोगों का इन मदरसों में लगातार आनाजाना बना रहा। इस दौरान मदरसों के प्रबंधन से जुड़े लोगों ने छात्रों के रहन-सहन को लेकर एहतियात नहीं बरती। बच्चे एक साथ रहते और सोते थे। सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रखने से इतनी ज्यादा संख्या में बच्चे कोरोना संक्रमित हो गए।
3 अप्रैल को पहली बार जमात से जुड़े 6 लोग संक्रमित मिले थे
जानकारी मुताबिक शहर में तीन अप्रैल को पहली बार जमात से जुड़े 6 लोग संक्रमित मिले थे। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा ये लोग जहां गए और जिनके संपर्क में आए, उनकी जांच की गई। जमातियों के मदरसों में आनेजाने और वहां ठहरने की जानकारी के बाद छात्रों के भी सैंपल लिए गए। इसमें 20 दिन से अधिक का समय लगा और एक-एक कर छात्र संक्रमित होते रहे। इसी दौरान मदरसों के प्रबंधन से जुड़े लोगों ने भी लापरवाही बरती। समय से इन बातों का ख्याल रख लिया जाता तो शायद आज यह स्थिति देखने को नहीं मिलती।