Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 27 Apr, 2020 02:40 PM
कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचाया है। इससे भारी संख्या में लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। कोरोना वायरस इतना खतरनाक है कि वह किसी व्यक्ति के शरीर में गंध और स्वाद पहचानने की क्षमता को खत्म कर देता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस...
लखनऊः कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचाया है। इससे भारी संख्या में लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। कोरोना वायरस इतना खतरनाक है कि वह किसी व्यक्ति के शरीर में गंध और स्वाद पहचानने की क्षमता को खत्म कर देता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), जोधपुर के शोध में यह बात सामने आई है।
इसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस मरीज के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। इससे उसे स्वाद और गंध की पहचान नहीं रह जाती। हालांकि उपचार के बाद ये ठीक हो जाते हैं। संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. सुरजीत घोष और उनकी टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कोराना वायरस शरीर में मौजूद एंजाइम ‘एचएसीई2’से होकर शरीर में पहुंचता है। यह एंजाइम लगभग सभी मानव अंगों में पाया जाता है। दिमाग में भी यह एंजाइम पाया जाता है। इसलिए नाक और मुँह के रास्ते ‘एचएसीई2’ के संपर्क में आने के बाद वायरस दिमाग के अगले हिस्से में स्थित ओलफैक्ट्री बल्ब तक पहुँच जाता है।
उन्होंने बताया कि ओलफैक्ट्री बल्ब के म्यूकोसा की तंत्रिकायें अंदर ही अंदर नाक के ऊपर से होकर गले तक आती हैं। गंध की पहचान का काम ओलफैक्ट्री बल्ब ही करता है। इसलिए जब वायरस उसे नुकसान पहुँचाता है तो मरीज के गंध पहचानने की क्षमता समाप्त हो जाती है लेकिन उपचार के बाद ये ठीक हो जाती हैं।